शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल में भड़की हिंसा की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) बुधवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर सकती है। यह मामला मुगलकालीन मस्जिद के एएसआई निरीक्षण के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 29 अन्य घायल हुए थे।
अब तक की जांच में चार महिलाओं और शारिक साठा गिरोह के दो सदस्यों सहित कुल 79 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा, एफआईआर में 38 नामजद और 2500 अज्ञात आरोपियों को पुलिसकर्मियों पर पथराव, गोलीबारी और आगजनी में शामिल होने का दोषी माना गया है।
आरोपपत्र दाखिल करने की समयसीमा नजदीक
नए लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत, किसी भी आपराधिक मामले में आरोपी के खिलाफ 60 से 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल किया जाना अनिवार्य है। इस समयसीमा का उल्लंघन होने पर गिरफ्तारी अवैध मानी जाएगी, जिससे आरोपी जमानत पाने के हकदार हो जाएंगे। चूंकि यह अवधि 23 फरवरी को समाप्त हो रही है, एसआईटी की टीम बुधवार को आठ एफआईआर में आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।
एसआईटी प्रमुख एएसपी (उत्तर) श्रीश चंद्र ने बताया कि हिंसा से संबंधित 12 एफआईआर विभिन्न थानों में दर्ज की गई थीं, जिनमें से आठ मामले 24 नवंबर को दर्ज हुए थे— पांच संभल थाने में और तीन नखासा थाने में। इसके अलावा, चार और एफआईआर जांच के दौरान बाद में दर्ज की गईं।
करीब 150 संदिग्धों के नाम आरोपपत्र में शामिल होने की संभावना
बुधवार को दाखिल किए जाने वाले आठ आरोपपत्रों में करीब 150 अन्य संदिग्धों के नाम शामिल हो सकते हैं। एसआईटी अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच कर रही है और इस महीने के अंत तक अलग-अलग चार्जशीट दाखिल करने की योजना बना रही है।
संभल थाना प्रभारी अनुज तोमर ने पुष्टि की कि पांच मामलों में आरोपपत्र लगभग तैयार हैं और बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), संभल की अदालत में दाखिल किए जाने की संभावना है। इसी तरह, नखासा थाने में दर्ज तीन मामलों में भी आरोपपत्र तैयार हैं और बुधवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किए जाएंगे।
हत्याओं के पीछे गैंगस्टर का हाथ
इनमें से दो मामलों में उन चार लोगों की हत्या शामिल है, जिनकी मौत दुबई स्थित गैंगस्टर शारिक साठा के गुर्गों— मुल्ला अफरोज और वारिस— द्वारा की गई गोलीबारी में हुई थी। अयान, बिलाल, मोहम्मद कैफ और नईम की हत्या के मामले में मुल्ला अफरोज को 18 जनवरी और वारिस को 24 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, शारिक साठा का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया जा सकता है। पुलिस का दावा है कि साठा ने अपने दो गुर्गों को निर्देश दिए थे कि वे प्रदर्शनकारियों के बीच रहकर हिंसा भड़काएं और लोगों को गोली मारें, जिसके चलते चार प्रदर्शनकारियों की मौत हुई। पुलिस का कहना है कि शारिक साठा का संबंध कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से हो सकता है। इस एंगल से भी जांच की जा रही है।
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