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क्रिश्चियन मिशेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में जमानत मंजूर
28 Oct 2025
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत देते हुए न्याय प्रक्रिया की धीमी गति पर गंभीर चिंता जताई। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा, "इस रफ्तार से मामला आगे बढ़ा तो मुकदमा पूरा होने में अगले 25 साल लग जाएंगे।"
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार तक सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। मिशेल की ओर से पेश अधिवक्ताओं—अल्जो जोसेफ, श्रीराम परक्कट और एम. एस. विष्णु शंकर—ने दलील दी कि उनका मुवक्किल दिसंबर 2018 से जेल में है और इतने वर्षों की हिरासत की अवधि उस संभावित सजा के बराबर हो सकती है, जो उसे दोषी पाए जाने पर भुगतनी पड़ती।
क्या हैं आरोप?
क्रिश्चियन मिशेल पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार और संपत्ति की बेईमानी से डिलीवरी जैसे संगीन आरोप हैं। इसके अलावा, उन पर जालसाजी और संवेदनशील सुरक्षा से संबंधित दस्तावेजों में हेरफेर करने का भी आरोप लगाया गया था। मिशेल को 4 दिसंबर, 2018 को दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़ी एफआईआर 2013 में दर्ज की गई थी, जबकि कथित अनियमितताएं 2004 से संबंधित हैं। इस सौदे की जांच करीब नौ साल तक चली, जिससे न्याय प्रक्रिया में हो रही देरी पर सवाल खड़े होते हैं।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला?
यह घोटाला ₹3,600 करोड़ मूल्य के 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से जुड़ा है। सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, फरवरी 2010 में 556.262 मिलियन यूरो (तकरीबन ₹4,800 करोड़) में वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का समझौता हुआ, जिससे सरकारी खजाने को 398.21 मिलियन यूरो (₹2,666 करोड़) का नुकसान होने का अनुमान है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2016 में दाखिल अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड से 30 मिलियन यूरो (₹225 करोड़) की रिश्वत मिली थी।
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