उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी (सपा) ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के नेताओं ने महाकुंभ भगदड़, मिल्कीपुर उपचुनाव में कथित धांधली, पेपर लीक जैसे मुद्दों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस बीच, सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सरकार पर जोरदार हमला किया। शिवपाल यादव ने कहा, "शास्त्रों में कहीं भी 144 वर्षों के बाद कुंभ का आयोजन होने का उल्लेख नहीं है। अगर ऐसा कोई प्रमाण है, तो ये लोग उसे प्रस्तुत करें।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जनता के पैसों का दुरुपयोग अपनी पीआर गतिविधियों के लिए किया और ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं, जो सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं।
सपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सनातन धर्म का दिखावा कर रही है और लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रही है। उनका कहना था कि सरकार का असली उद्देश्य जनता के विश्वास का दोहन करना है, जबकि इन लोगों का धर्म से कोई वास्तविक संबंध नहीं है। शिवपाल ने रेल मंत्री के खिलाफ भी बयान देते हुए कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ और वहां हुई मौतों के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि सरकार इस पर मौन है।
इसके अलावा, शिवपाल यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे सरकार का "झूठा भाषण" करार दिया। उन्होंने कहा, "राज्यपाल महोदया ने जो भाषण पढ़ा, वह पूरी तरह से सरकार का बनवाया हुआ था और उसमें कोई सच्चाई नहीं थी। समाजवादी पार्टी के सभी विधायकों की यही मांग थी कि इस भाषण को न पढ़ा जाए।"
वहीं, बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने सपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष शायद यह चाहता है कि महाकुंभ में कोई दुर्घटना घट जाए। उन्होंने कहा, "अगर सरकार किसी चीज को कुछ समय के लिए रोकती है, तो यह व्यवस्था का ही हिस्सा है। मैं यह पूछना चाहता हूं कि जब विपक्ष सत्ता में था, तो उन्होंने क्या किया था? उस समय केवल 4-5 करोड़ श्रद्धालु आए थे, लेकिन अव्यवस्थाओं की भरमार थी। आज अगर कहीं आग लगती है, तो 5-7 मिनट में उसे बुझा दिया जाता है। संकट की स्थिति को काबू करने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था बनाई है।"
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