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राज्यसभा में वक्फ बिल पर JPC रिपोर्ट पेश, विपक्ष ने लगाया भेदभाव का आरोप
13 Feb 2025

राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश कर दी गई। यह रिपोर्ट भाजपा सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी द्वारा सदन में प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट पेश होते ही विपक्षी सदस्यों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया, जिससे सदन में अशांत माहौल बन गया। हंगामे को देखते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही को 11:20 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
लोकसभा में भी हंगामा, विपक्ष ने किया वेल में प्रदर्शन
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया। वक्फ बिल को लेकर नाराज विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और बिल वापस लेने की मांग करने लगे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष से प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने की अपील की और कहा, "जब बिल आएगा, तब इस पर चर्चा होगी।" बावजूद इसके, विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा, जिसके चलते स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
विपक्ष का आरोप – संवैधानिक खामियां मौजूद
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने जेपीसी में विचार-विमर्श के दौरान वक्फ बिल के मसौदे में गंभीर संवैधानिक खामियों और विसंगतियों को उजागर करने का दावा किया। उन्होंने कहा, "सरकार को इस बिल पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हमें इसकी गहराई में जाकर निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।"
जेपीसी अध्यक्ष का जवाब – पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार हुई रिपोर्ट
जेपीसी की अगुवाई कर रहे सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट पूरे देश से मिले ब्यौरे के आधार पर तैयार की गई है और इस पर सभी हितधारकों से विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि 14 क्लॉज में 25 संशोधन किए गए हैं और सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया था।
विपक्ष के इस आरोप पर कि उनकी बात नहीं सुनी गई, जगदंबिका पाल ने स्पष्ट किया, "मैंने खुद असहमति के नोट (Note of Dissent) मांगे थे और सभी सदस्यों के नोट रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं।"