अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिकी नागरिकों पर विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के मामलों में मुकदमा चलाने पर अस्थायी रोक लगाने का निर्देश दिया गया। यह आदेश अमेरिकी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। हालांकि, इस फैसले से केवल अमेरिकी कंपनियों को ही नहीं, बल्कि अडानी समूह के प्रमुख अधिकारियों को भी राहत मिलने की संभावना है, जो वर्तमान में अमेरिकी अदालत में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस आदेश से एज़्योर पावर को भी फायदा होगा, जिसने अडानी ग्रुप की एक फर्म के साथ सौर ऊर्जा परियोजना के लिए करार किया था।
एफसीपीए जांच पर रोक, जल्द जारी होंगी नई गाइडलाइंस
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के अनुसार, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को विदेशी भ्रष्टाचार आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत जांच तब तक रोकने का निर्देश दिया गया है जब तक कि नई गाइडलाइंस लागू नहीं हो जातीं। अब किसी भी एफसीपीए जांच और प्रवर्तन कार्रवाई को पहले अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेनी होगी।
व्हाइट हाउस का तर्क है कि यह कानून अमेरिकी कंपनियों को उनके विदेशी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर स्थिति में डालता है, क्योंकि वे उन प्रथाओं को नहीं अपना सकते जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में आम मानी जाती हैं। 2024 में, अमेरिकी न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) ने 26 एफसीपीए-संबंधित प्रवर्तन कार्रवाइयां दर्ज की थीं, और साल के अंत तक कम से कम 31 कंपनियां जांच के दायरे में थीं।
अडानी ग्रुप पर लगे थे रिश्वत के गंभीर आरोप
नवंबर 2024 में न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य अधिकारियों पर सौर ऊर्जा आपूर्ति करार हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। अभियोग में 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, निवेशकों और बैंकों को गुमराह करने और न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।
अडानी एंटरप्राइज के शेयर में तेजी
हालांकि, अडानी समूह और एज़्योर पावर ने इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन ट्रंप के आदेश के बाद अडानी एंटरप्राइज के शेयरों में उछाल देखने को मिला। मंगलवार को शुरुआती कारोबारी घंटों में कंपनी के शेयर 3% तक बढ़े, और दिन के अंत में 1.37% की बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स 1.3% नीचे रहा।
राष्ट्रपति ट्रंप के इस आदेश से अडानी समूह को अस्थायी राहत जरूर मिली है, लेकिन मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। जब तक नई गाइडलाइंस लागू नहीं होतीं, तब तक इन आरोपों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होगी।
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