बांग्लादेश, जो हाल के वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, अब आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था पिछले चार वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, और निकट भविष्य में भी स्थिति में कोई उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना नहीं दिख रही है। बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (BBS) के मुताबिक, 2024 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट मात्र 4.22 प्रतिशत रही, जो अपेक्षा से काफी कम है।
देश की आर्थिक स्थिति को लेकर बांग्लादेश के बैंक भी गंभीर चिंता जता रहे हैं। सेंट्रल बैंक और बांग्लादेश बैंक जैसी प्रमुख वित्तीय संस्थाओं ने 2025 के लिए भी बहुत सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं। उनका अनुमान है कि अगले साल भी जीडीपी ग्रोथ रेट 4 से 5 प्रतिशत के बीच ही बनी रहेगी। हालांकि, वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का आंकलन इससे भी निराशाजनक है। वर्ल्ड बैंक ने 2025 के लिए बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहने की भविष्यवाणी की है, जबकि IMF ने इसे और कम करते हुए 3.8 प्रतिशत का अनुमान लगाया है।
अगर पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है। 2019 में देश की जीडीपी ग्रोथ 8.15 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 4.22 प्रतिशत पर आ गई। सरकार ने 2023-24 के बजट में 7.50 प्रतिशत की ग्रोथ का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया, लेकिन वास्तविकता यह है कि सरकार अपने संशोधित लक्ष्य से भी काफी पीछे रह गई है।
कोविड-19 महामारी के दौरान, 2020 में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ रेट 3.45 प्रतिशत थी, जो दशकों में सबसे कम थी। हालांकि, मौजूदा स्थिति महामारी से उत्पन्न संकट जैसी नहीं है, फिर भी आर्थिक चुनौतियां गहरी होती जा रही हैं। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में बांग्लादेश की जीडीपी 450 बिलियन डॉलर रही, जो अनुमानित 459 बिलियन डॉलर से कम है।
देश की आर्थिक गिरावट केवल जीडीपी तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) भी अनुमान से कम रही। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति GNI 2,738 डॉलर दर्ज की गई, जबकि अनुमान 2,784 डॉलर का था। BBS ने आर्थिक मंदी के लिए राजनीतिक अस्थिरता, अनिश्चितता और कमजोर नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 के बाद देश की अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल सकता है।
बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक का मानना है कि राजनीतिक स्थिति अब धीरे-धीरे स्थिर हो रही है, जिससे आने वाले वर्षों में आर्थिक ग्रोथ में तेजी आ सकती है। अगले साल जीडीपी ग्रोथ रेट के 6 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, 2025 की पहली छमाही में कोई बड़ा बदलाव देखने की संभावना नहीं है क्योंकि अंतरिम सरकार कई आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही है।बांग्लादेश के भारत के साथ संबंध भी हाल के वर्षों में तनावपूर्ण हो गए हैं। हिंदुओं पर हमले, पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियां और विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर प्रधानमंत्री यूनुस सरकार के बयानों ने भारत-बांग्लादेश रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। इसके विपरीत, भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत गति से आगे बढ़ रही है। 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत रही, जबकि कुल जीडीपी 3.89 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
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