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डोनाल्ड ट्रंप की गाजा पर कब्जे की योजना, मिस्र ने बुलाया आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन

 10 Nov 2025

गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्धविराम के बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला बयान देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। ट्रंप ने गाजा पट्टी पर कब्जा करने की इच्छा जताई है, जिससे अमेरिका के सहयोगी देश और फिलिस्तीन समर्थक राष्ट्रों में नाराजगी फैल गई है। उनके इस बयान के बाद अरब देशों ने आपातकालीन शिखर सम्मेलन बुलाने का फैसला किया है, जहां उनकी इस योजना का कड़ा विरोध किया जा सकता है।


मिस्र में 27 फरवरी को आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन


मिस्र ने रविवार को घोषणा की कि वह 27 फरवरी को काहिरा में एक आपातकालीन अरब लीग शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस बैठक का उद्देश्य गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने के ट्रंप के प्रस्ताव और इसके संभावित खतरनाक परिणामों पर चर्चा करना है। ट्रंप के इस सुझाव ने मिस्र, जॉर्डन और सऊदी अरब जैसे अमेरिका के करीबी सहयोगी देशों को नाराज कर दिया है। बीते सप्ताह व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने यह सुझाव दिया था, जिसके बाद अरब जगत में जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। फिलिस्तीनी नेता इसे फिलिस्तीन के अस्तित्व पर खतरे के रूप में देख रहे हैं।

मिस्र और जॉर्डन ने किया ट्रंप की योजना का विरोध


मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने गाजा में रह रहे 18 लाख फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने और अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र का स्वामित्व लेने के ट्रंप के प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया है। हालांकि, ट्रंप का दावा है कि समय के साथ अरब देश इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे। मिस्र के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में अरब देशों के उच्चतम स्तर पर हुई वार्ताओं के बाद यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस बैठक में फिलिस्तीनी राज्य भी शामिल होगा, जिसने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।

अरब जगत में गहराता संकट


गाजा पट्टी को लेकर ट्रंप की इस नई योजना ने मध्य पूर्व की राजनीति में एक नया संकट खड़ा कर दिया है। पहले से ही इजरायल-हमास युद्ध और गाजा में मानवीय संकट के बीच यह प्रस्ताव अरब देशों के लिए अस्वीकार्य माना जा रहा है। इस आपातकालीन बैठक में अरब देश ट्रंप के बयान पर कड़ा रुख अपना सकते हैं और भविष्य में इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की योजना बना सकते हैं।

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