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Bangladesh: प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीब का घर जलाया, तस्लीमा नसरीन ने किया तीखा विरोध

 13 Nov 2025

बुधवार शाम को ढाका में बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ की। यह घटना बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने आई, लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया। इस पर बांग्लादेश की प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन का गुस्सा फूटा, जिन्होंने इसे इस्लामिक आतंकवादी कृत्य करार दिया। तस्लीमा ने कहा, "आजाद बांग्लादेश के निर्माता की आखिरी निशानी अब जलकर राख हो गई है। रोओ, बांग्लादेश, रोओ।"


तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "अगर लोगों को शेख हसीना से गुस्सा है, तो इस्लामी आतंकवादियों ने शेख मुजीब के संग्रहालय पर हमला करके उसे क्यों जलाया? क्या हसीना को देश से बाहर निकालना ही काफी नहीं था? शेख मुजीब के संग्रहालय पर हमला करने वाले वही लोग हैं जो कभी स्वतंत्र बांग्लादेश नहीं चाहते थे। वे 1971 में एक इस्लामिक राज्य चाहते थे, जो पाकिस्तान जैसे आतंकवादी राज्य के साथ गठबंधन करे। वे और उनके वंशज आज हर चीज को आग लगा रहे हैं।"

यूनुस सरकार पर हमला करते हुए तस्लीमा नसरीन ने कहा, "वे कट्टरपंथी मुसलमान हैं, जो गैर-मुसलमानों से नफरत करते हैं, जो महिलाओं से घृणा करते हैं, और आज सत्ता में हैं। वे यूनुस सरकार हैं। इसलिए कानून लागू करने वाली संस्थाएं चुप रहती हैं, जबकि वे विनाश कर रहे हैं, शेख मुजीब का नाम इतिहास से मिटा रहे हैं और मुक्ति संग्राम के इतिहास को ध्वस्त कर रहे हैं। यह उनके लिए नया सपना नहीं है। 5 अगस्त से वे इसे हकीकत बना रहे हैं।"

यह घर, जो कभी शेख मुजीबुर रहमान का निवास स्थान था, बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण स्थल था। यहीं पर 1971 में शेख मुजीब ने पाकिस्तान से बांग्लादेश को अलग करने की घोषणा की थी। 1975 में इसी घर में उनकी हत्या कर दी गई थी। बाद में उनकी बेटी शेख हसीना ने इस घर को संग्रहालय में बदल दिया। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना ने अपने भाषण में कहा, "उनके पास बुलडोजर से देश की स्वतंत्रता को नष्ट करने की शक्ति नहीं है। वे एक इमारत को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन वे इतिहास को मिटा नहीं सकते।"

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