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कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं, TMC सांसद ने INDIA ब्लॉक के नेतृत्व पर उठाए सवाल

 13 Nov 2025

दिल्ली और मिल्कीपुर उपचुनाव के परिणाम 8 फरवरी को सामने आएंगे, लेकिन उससे पहले इंडिया गठबंधन के भविष्य और नेतृत्व पर एक नई बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों में कांग्रेस को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के बाद लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं।टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कांग्रेस को सलाह दी कि उसे अपने नेतृत्व पर पुनः विचार करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लगातार हार रही है। उनका कहना था कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस के पास रहना चाहिए या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।


वहीं, सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने कांग्रेस के रवैये पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस भी बीजेपी की भाषा बोल रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का अहंकार उसे विनाश की ओर ले जाएगा, और अगर यह अहंकार न होता तो कांग्रेस हरियाणा में सपा को सीटें दे सकती थी। रामगोपाल यादव ने यह भी सुझाव दिया कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व एक बार बदल दिया जाए और इसकी जिम्मेदारी किसी अन्य दल को दी जाए, खासकर यूपी में जहां कांग्रेस की स्थिति कमजोर है।

सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने रामगोपाल यादव के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि वे अनुभवी नेता हैं और उनके विचार को सही माना जाता है। टीएमसी और सपा के नेताओं के खुले मोर्चे से अब इंडिया गठबंधन में नेतृत्व पर बहस और तीव्र हो गई है। कांग्रेस ने इन आरोपों का जवाब दिया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने रामगोपाल यादव के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस कभी भी बीजेपी की भाषा नहीं बोलती। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन की पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस ने ईमानदारी से निभाई, जिससे सपा को फायदा हुआ और बीजेपी को कमजोर किया गया।इस तरह, इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर बयानों का सिलसिला अब और तेज हो गया है, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं।

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