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अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव में बोगस वोटिंग का आरोप लगाया, सबूत के तौर पर वीडियो भी शेयर किए

 17 Nov 2025

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चल रहे उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बोगस वोटिंग का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने इस मामले में कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिनमें कथित तौर पर बोगस वोटिंग की प्रक्रिया को दिखाया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को यह साबित करने के लिए और क्या सबूत चाहिए कि भाजपा सरकार के तहत अधिकारी किस तरह चुनावों में धांधली कर रहे हैं। अखिलेश यादव द्वारा साझा किए गए तीन वीडियो में से दो वीडियो एक ही व्यक्ति के हैं, जबकि तीसरे वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति खुद को राम बहोर पांडेय बताते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्होंने छह वोट डाले। इस बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है कि उन्होंने यह मतदान अपने नाम से किया और यह वीडियो उस समय का है जब वह एक यू-ट्यूब चैनल से बातचीत कर रहे थे। जब उनसे बूथ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अमानीगंज रायपट्टी का नाम लिया, जो कथित तौर पर उस स्थान का नाम था, जहां उन्होंने वोट डाला था।


 इससे पहले, अखिलेश यादव ने सुबह यह आरोप भी लगाया था कि पुलिस जवान मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर रहे थे, और इस कारण वोटरों में दहशत का माहौल बन गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई ने मतदाताओं को डराया और मतदान प्रक्रिया को प्रभावित किया। हालांकि, अयोध्या के एसएसपी राजकरण नय्यर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ऐसी कोई घटनाएं नहीं हुई थीं और मतदान शांतिपूर्वक चल रहा था। मिल्कीपुर सीट, जो अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है, पर 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की थी।

 बाद में वह 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद से सांसद बन गए थे, जिसके कारण उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई और यहां उपचुनाव आयोजित किया गया। समाजवादी पार्टी ने इस उपचुनाव में अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर चंद्रभानू पासवान को उम्मीदवार बनाया है, जबकि आजाद समाज पार्टी ने संतोष चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान की गति तेज है, और सुबह 11 बजे तक लगभग 30 प्रतिशत मतदान हो चुका था। यह उपचुनाव स्थानीय और राज्य स्तर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की दिशा और राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

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