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राहुल गांधी के चीन संबंधी दावों पर राजनाथ सिंह का पलटवार, कहा- 'राहुल ने झूठ फैलाया'
18 Nov 2025
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चीन को लेकर किए गए विवादास्पद दावों ने सियासी भूचाल मचा दिया है। इस पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (4 फरवरी, 2025) को राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए उन्हें झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने 3 फरवरी 2025 को संसद में दिए गए अपने भाषण में भारतीय सेना प्रमुख के बयान के बारे में गलत आरोप लगाए। सेना प्रमुख ने केवल दोनों देशों द्वारा पारंपरिक गश्त में आए व्यवधान का उल्लेख किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाल की सैन्य वापसी के परिणामस्वरूप इन पारंपरिक गश्त की प्रथाओं को पुनः बहाल किया गया है, और सरकार ने संसद में इन तथ्यों को साझा किया है।"
राजनाथ सिंह ने कहा, "राहुल गांधी ने जो बातें सेना प्रमुख के बारे में कही हैं, वह कभी सेना प्रमुख ने नहीं कही थीं। यह बेहद अफसोसजनक है कि राहुल गांधी राष्ट्रीय हितों के मामले में गैर जिम्मेदाराना राजनीति कर रहे हैं। अगर भारत का कोई क्षेत्र चीन ने कब्जा किया है, तो वह 1962 के युद्ध के दौरान अक्साई चीन का 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र है, और 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को अवैध रूप से सौंपे गए 5,180 वर्ग किमी क्षेत्र हैं। राहुल गांधी को इन ऐतिहासिक तथ्यों पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।"
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारतीय संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करते हुए, संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा था, "हमने मैन्युफैक्चरिंग का काम अब चीनी कंपनियों को दे दिया है।" उन्होंने हाथ में मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए कहा, "यह 'मेड इन इंडिया' नहीं, बल्कि 'असेंबल्ड इन इंडिया' है।"
इसके बाद राहुल गांधी ने आगे कहा, "अगर भारत और चीन के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा होती है, तो हमारे देश को चीन में निर्मित घटकों पर निर्भर रहना पड़ेगा। चीन अब भारत के अंदर घुसपैठ कर चुका है, क्योंकि 'मेक इन इंडिया' योजना पूरी तरह से विफल हो चुकी है।"
राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के इन बयानों का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और सेना ने पहले ही इस बात का खंडन किया है कि चीन भारतीय सीमा के 4000 वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर चुका है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस मामले पर तुरंत आपत्ति जताते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और ऐसे बेतुके बयान नहीं दिए जा सकते, जो देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को प्रभावित करें।
राजनीतिक मामलों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति पैदा हो गई है, और यह मुद्दा अब विपक्ष और सरकार के बीच एक नया विवाद बन गया है। यह देखना होगा कि आगे इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया मिलती है, और क्या इस विवाद के बाद विपक्ष और सरकार के बीच तकरार और बढ़ेगी।
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