समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में संतों और नागा साधुओं के शाही स्नान को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सनातन परंपरा को तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारे साधु संत समाज अपने शाही स्नान के लिए मुहूर्त और नक्षत्रों के हिसाब से सही तारीख तय करते हैं, जो सदियों से चली आ रही एक प्राचीन परंपरा है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता है, जिसे इस सरकार ने पहली बार तोड़ा है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने पहले तो शाही स्नान के लिए सही समय और मुहूर्त का पालन नहीं किया, और फिर उन हादसों को भी छिपाने की कोशिश की, जिनमें कई लोगों की जान गई।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने अराजकता को छुपाने और जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए साधु-संतों से सच नहीं बताया।
अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार ने अखाड़ों को आदेश दिया कि वे शाही स्नान के लिए जाएं, जबकि कई संत और साधु अपनी परंपराओं और धर्म के अनुसार स्नान के लिए पहले से तय समय का पालन करते आए थे।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि प्रचारित किया जा रहा है कि महाकुंभ 144 साल बाद हो रहा है, लेकिन जो लोग ज्योतिष और नक्षत्रों के बारे में जानते हैं, वे जानते हैं कि ऐसा हर कुंभ में नहीं होता। हर कुंभ 144 साल बाद होने की बात सही नहीं है। महाकुंभ आयोजन को लेकर बीजेपी सरकार का कोई ठोस इंतजाम नहीं था, जिसके कारण हादसों में कई हिंदू भक्तों की जान चली गई। अखिलेश ने यह भी कहा कि सरकार ने महाकुंभ के आयोजन में लाखों लोगों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा और अब उन लोगों की गिनती देने में भी असमर्थ हैं, जिनकी जानें गईं।
उन्होंने यह भी कहा कि जब समाजवादी पार्टी ने कुंभ का आयोजन किया था, तो उसे केवल 1300 करोड़ रुपये में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया था, जबकि बीजेपी ने महाकुंभ के लिए दावा किया कि 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन परिणामस्वरूप लाखों लोगों को स्नान का अवसर नहीं मिला और वे बिना स्नान के लौटने पर मजबूर हुए। अखिलेश ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह वह सरकार है, जो जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही है और खुद को महाकुंभ के आयोजक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता कुछ और ही है।
इसके साथ ही, अखिलेश यादव ने यातायात व्यवस्था की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो लोग बनारस और अयोध्या गए, वे दर्शन करने में असमर्थ रहे, क्योंकि रास्ते जाम थे और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा। गूगल के अनुसार, प्रयागराज से अयोध्या तक पांच घंटे का रास्ता था, लेकिन लोग पूरी रात और आधे दिन बाद भी अयोध्या पहुंचने में सफल नहीं हो पाए। इससे यह साफ होता है कि बीजेपी सरकार ने महाकुंभ के दौरान व्यवस्था की कोई उचित योजना नहीं बनाई।
अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ के दौरान हुए हादसों के बारे में सोशल मीडिया पर लाखों लोग अपने परिजनों को ढूंढ़ते हुए नजर आ रहे थे। कई लोग अपने खोए हुए परिवार के सदस्यों को तलाश रहे थे और वे तस्वीरें लेकर घूम रहे थे। जो सरकार करोड़ों लोगों को स्नान कराने का दावा कर रही थी, वह उन लोगों की भी गिनती नहीं दे पा रही है, जो इस हादसे में मारे गए। अखिलेश ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है और जनता के भरोसे को तोड़ दिया है।
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