केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने सबसे बड़ी राहत टैक्स छूट के रूप में दी, जिसके तहत अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इससे पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी। हालांकि, स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये पर बरकरार रखा गया है, जिसका अर्थ यह है कि 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इस फैसले से देश के मध्यम वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी कर देनदारी में उल्लेखनीय कमी आएगी। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मध्यम वर्ग को मिली टैक्स छूट का स्वागत किया लेकिन इसे आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों में आई गिरावट का नतीजा बताया।
बजट में वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की, जिससे इस क्षेत्र में अधिक निवेश आने की उम्मीद है। स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती देने के लिए मेडिकल उपकरणों को सस्ता करने का ऐलान किया गया है। सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य घटाकर 4.4% करने का फैसला किया है। वहीं, देश के 125 नए शहरों को उड़ान योजना के तहत जोड़ने की योजना बनाई गई है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 नई सीटें जोड़ी जाएँगी, जिससे स्वास्थ्य शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी।
वित्त मंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि देश में एक नया इनकम टैक्स कानून लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकार अगले हफ्ते एक विधेयक पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव के कारण डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ रुपये की छूट दी जाएगी। यह फैसला आम करदाताओं को राहत देने के लिए लिया गया है और इससे उनकी आय पर कर का बोझ काफी कम होगा।
बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से प्रतिक्रियाएँ आईं। सत्तारूढ़ दल ने इस बजट को आम आदमी के लिए बड़ी राहत देने वाला बताया, जबकि विपक्ष ने इसे निराशाजनक करार दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्यम वर्ग के प्रति गहरा जुड़ाव है और 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट देना इसी का प्रमाण है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह बजट भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने में मदद करेगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है और यह बजट किसानों, महिलाओं, युवाओं और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित है। दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे पिछले 10 वर्षों का सबसे कमजोर बजट बताया। उन्होंने कुंभ मेले में हुई भगदड़ पर चर्चा की मांग की और कहा कि सरकार इस पर कोई स्पष्टता नहीं दे रही है।
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