दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान होने जा रहे हैं, और इससे पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तीखी जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी ताकत लगाने में जुटी हैं, ताकि जनता का विश्वास जीत सकें। इस राजनीतिक संघर्ष के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से एक विशेष अपील की है।
केजरीवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा, "बीजेपी का साथ मत छोड़ो, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट आप को देना।" उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापस आ गई, तो यह न केवल सरकारी सुविधाओं को बंद कर देगी, बल्कि आम लोगों को प्रतिमाह करीब 25,000 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। उनका आरोप है कि बीजेपी दिल्ली की जनता के लिए जो सरकारी योजनाएं और सुविधाएं दे रही हैं, वे सभी समाप्त कर देगी, जिससे गरीब और मिडल क्लास परिवारों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
केजरीवाल ने आगे कहा, "एक भाई होने के नाते मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि पार्टी का साथ मत छोड़ो, लेकिन दिल्ली के विकास के लिए और आपकी भलाई के लिए वोट आप पार्टी को ही दें।" उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश की। साथ ही, अगर किसी को कोई व्यक्तिगत सहायता चाहिए, तो वे उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।
इसके साथ ही, आम आदमी पार्टी के लिए एक और बड़ा झटका सामने आया है। एक दिन पहले ही पार्टी के आठ विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया, जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर से विधायक मदनलाल, पालम से विधायक भावना गौड़, महरौली से विधायक नरेश यादव, आदर्श नगर सीट से विधायक पवन शर्मा, बिजवासन से विधायक बीएस जून और मादीपुर से विधायक गिरीश सोनी शामिल हैं। यह घटना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है, क्योंकि चुनावी दौर में इस तरह के इस्तीफे आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बन सकते हैं। पार्टी ने इस्तीफों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सब बीजेपी के दबाव के तहत हुआ है और इन विधायकों के इस्तीफे से उनकी पार्टी की स्थिति पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
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