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दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका: 7 विधायकों का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के आरोप

 26 Nov 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। वोटिंग से केवल पांच दिन पहले, पार्टी के 5 प्रमुख विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिनमें से तीन का टिकट काटा गया था, जिससे ये विधायक काफी नाराज थे। इस्तीफा देने वाले विधायकों में राजेश ऋषि, नरेश यादव, रोहित कुमार महरौलिया, भावना गौड़ और मदन लाल समेत 7 विधायक शामिल हैं। इन इस्तीफों ने पार्टी के भीतर असंतोष और बढ़ते भ्रष्टाचार के आरोपों को और हवा दी है।


 राजेश ऋषि का इस्तीफा और आरोप


जनकपुरी से दो बार के विधायक राजेश ऋषि ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह इस कदम से काफी नाराज थे, खासकर जब पार्टी ने उनका टिकट काटा। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भेजे गए अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने मूल सिद्धांतों को त्याग दिया है और अब भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी ने संतोष कोली के बलिदान का गलत तरीके से सम्मान किया और उनके हत्यारे को टिकट दिया, जिसे वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात मानते हैं। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी में भाई-भतीजावाद की भी आलोचना की और उसे एक "अनियंत्रित गिरोह" बताया, जो अब भ्रष्टाचार, तानाशाही और भाई-भतीजावाद से जूझ रहा है।

 नरेश यादव का इस्तीफा और भ्रष्टाचार के आरोप


महरौली के विधायक नरेश यादव ने भी आम आदमी पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। पार्टी ने पहले उन्हें टिकट दिया था, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया। नरेश यादव के खिलाफ कुरान की बेअदबी से जुड़े एक मामले में अदालत ने सजा सुनाई थी, हालांकि उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि आम आदमी पार्टी का गठन अन्ना आंदोलन के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए हुआ था, लेकिन अब यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। उनका मानना है कि पार्टी में अब किसी तरह की ईमानदारी नहीं बची है और यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है।

रोहित कुमार महरौलिया का इस्तीफा और पार्टी की आलोचना 


त्रिलोकपुरी से आम आदमी पार्टी के विधायक और दलित नेता रोहित कुमार महरौलिया ने भी इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने उनका टिकट इस बार काट दिया था, जिससे वे काफी नाराज थे। रोहित कुमार महरौलिया अन्ना आंदोलन के समय से पार्टी से जुड़े हुए थे और पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे थे। उन्होंने एक्स पर अपने इस्तीफे की कॉपी साझा करते हुए कहा कि जिन लोगों को बाबा साहब की तस्वीर चाहिए, लेकिन उनके विचारों की कोई अहमियत नहीं है, उनसे उनका अब कोई संबंध नहीं रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अब आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं और साथ ही पार्टी की कार्यशैली और विचारधारा से खुद को अलग कर रहे हैं। 

 भावना गौड़ का इस्तीफा और नाराजगी 


पालम सीट से विधायक भावना गौड़ ने भी आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया। पार्टी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया था, जिससे वह काफी नाराज थीं। भावना गौड़ ने अपने इस्तीफे में कहा कि अब उनका अरविंद केजरीवाल और पार्टी में कोई विश्वास नहीं रहा। उन्होंने अपनी नाराजगी को साफ तौर पर व्यक्त किया और कहा कि पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उससे वह पूरी तरह से असहमत हैं। इन इस्तीफों के बाद आम आदमी पार्टी की अंदरूनी राजनीति और उसके भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने हमले तेज कर दिए हैं। इन इस्तीफों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या आम आदमी पार्टी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी हुई थी, अब खुद उसी राह पर चल पड़ी है, जिसे पहले उसने नकारा था। इन इस्तीफों का पार्टी पर गहरा असर पड़ सकता है, खासकर दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले, जब पार्टी को अपनी छवि को बनाए रखने की सख्त जरूरत है।

बिजवासन विधानसभा क्षेत्र से विधायक भूपेंद्र सिंह


आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका तब लगा, जब बिजवासन विधानसभा क्षेत्र से विधायक भूपेंद्र सिंह जून ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा उस समय आया जब पार्टी ने उन्हें इस बार चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय नहीं लिया था। अपने इस्तीफे में भूपेंद्र सिंह जून ने साफ तौर पर कहा कि आम आदमी पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है और अब वह पार्टी की दिशा और नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर आंतरिक असहमति और भ्रष्टाचार की वजह से उनका निर्णय लिया गया है।

आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा


इसके साथ ही आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने भी आम आदमी पार्टी को अलविदा कहा। पवन शर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि आम आदमी पार्टी जिस ईमानदार विचारधारा पर बनी थी, वह अब पूरी तरह से बदल चुकी है। पार्टी की वर्तमान स्थिति को देखकर उन्हें गहरा दुख हुआ है, और उन्होंने इस परिस्थिति में खुद को पार्टी से अलग करना उचित समझा। पवन शर्मा ने यह भी कहा कि उनकी भावना इस बात से जुड़ी हुई थी कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और जनता के विश्वास के साथ धोखा कर रही है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया।

 इस इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी में भीतर ही भीतर असंतोष और नाखुशी बढ़ने की संभावना है, और यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।