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देशभर में अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई, दिल्ली से केरल तक गिरफ्तारियां जारी

 28 Nov 2025

केरल के कोच्चि में अवैध रूप से रहकर काम कर रहे 27 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत गिरफ्तार किया। एर्नाकुलम जिले के उत्तरी परवूर इलाके में स्थानीय पुलिस और आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर इन नागरिकों को पकड़ा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी बांग्लादेशी प्रवासी श्रमिकों के वेश में पश्चिम बंगाल के मजदूरों की आड़ में अलग-अलग स्थानों पर काम कर रहे थे।


फिलहाल, पुलिस इन गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है। यह कार्रवाई एर्नाकुलम ग्रामीण जिला पुलिस द्वारा तस्लीमा बेगम की गिरफ्तारी के बाद तेज की गई। दरअसल, दो हफ्ते पहले 28 वर्षीय तस्लीमा बेगम को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने ‘ऑपरेशन क्लीन’ नामक विशेष अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।

जनवरी में 34 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार


केरल पुलिस के मुताबिक, जनवरी के महीने में अब तक कुल 34 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हाल ही में मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने बांग्लादेशी महिला शाबिकुन नाहर अबु अहमद को पकड़ा, जिसने दो अलग-अलग नामों से भारतीय पासपोर्ट बनवा रखा था। इस फर्जी पासपोर्ट के जरिए वह पहले ही सऊदी अरब और बांग्लादेश की यात्राएं कर चुकी थी। इसके अलावा, मुंबई के वर्सोवा इलाके में भी बांग्लादेशी नागरिक मोनेर बख्तियार शेख और उनके बेटे बख्तियार दोसुर शेख को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों यारी रोड इलाके में अवैध रूप से रह रहे थे।

दिल्ली में 3 साल से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया


केवल केरल और मुंबई ही नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। दो दिन पहले दिल्ली के पालम गांव थाना पुलिस ने 27 वर्षीय मोहम्मद रिमोन हुसैन को गिरफ्तार किया, जो पिछले तीन साल से बिना किसी वैध दस्तावेज के राजधानी में रह रहा था। यह नागरिक बांग्लादेश के बोगुरा जिले के दुबचांचिया इलाके का रहने वाला है। गिरफ्तार करने के बाद उसे FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के जरिए डिपोर्ट किया गया।

देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की धरपकड़ तेज कर दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इन नागरिकों का यहां रहने का उद्देश्य क्या था और क्या इनके पीछे कोई संगठित नेटवर्क काम कर रहा है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार इस दिशा में काम कर रही हैं ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा न हो।