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नितेश राणे का विवादित बयान, उद्धव ठाकरे को ओवैसी का भाई कहा, अवैध प्रवासियों पर इस्लामीकरण का आरोप

 03 Dec 2025

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने हाल ही में शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का भाई करार दिया। राणे ने यह भी कहा कि जब वक्फ बोर्ड मातोश्री पर दावा करेगा, तब ठाकरे को समझ में आएगा कि उनकी पार्टी किस दिशा में जा रही है। इसके साथ ही, राणे ने भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या मुसलमानों की मौजूदगी पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध प्रवासियों को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश वापस भेज दिया जाना चाहिए। राणे का कहना था कि इन अवैध प्रवासियों की उपस्थिति सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा खतरा पैदा कर रही है, साथ ही यह भारतीय समाज के इस्लामीकरण का एक प्रयास प्रतीत हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ घटनाओं से यह स्पष्ट है कि मुंबई और पूरे देश के लिए यह एक गंभीर सुरक्षा समस्या बन सकती है।


 राणे ने शिवसेना (UBT) की तुलना मुस्लिम लीग से करते हुए कहा कि ठाकरे और ओवैसी एक जैसे हो गए हैं। उनका कहना था कि शिवसेना (UBT) अब मुस्लिम लीग के ही तरह कार्य कर रही है, और जो भी मुस्लिम लीग तय करती है, वही शिवसेना (UBT) भी करती है। राणे ने यह भी कहा कि जब वक्फ बोर्ड मातोश्री पर दावा पेश करेगा, तब ठाकरे को अपनी स्थिति का एहसास होगा और उन्हें यह समझ में आएगा कि उनका मार्गदर्शन गलत दिशा में हो रहा है। इसके बाद, राणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता सुप्रिया सुले द्वारा सिद्धिविनायक मंदिर के ड्रेस कोड पर की गई टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। सुले ने मंदिर में ड्रेस कोड के लागू होने पर सवाल उठाया था, जिस पर राणे ने उन्हें हिंदुत्व का विरोधी करार दिया। राणे ने आरोप लगाया कि सुले को हिंदुत्व से एलर्जी है और उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि वह हिंदू धर्म और संस्कृति के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सुले ने कभी मुसलमानों द्वारा कट्टरपंथी बनाने की घटनाओं, मस्जिदों में ड्रेस कोड लागू करने, महिलाओं पर अत्याचार या हिंदू महिलाओं के खिलाफ बर्बरता के बारे में कुछ कहा है? राणे का दावा था कि सुले और महा विकास आघाड़ी (MVA) के अन्य नेता हिंदू विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। राणे ने सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट द्वारा ड्रेस कोड लागू करने के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि छोटे और खुले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय उचित और स्वागत योग्य है, क्योंकि यह मंदिर की पवित्रता और धार्मिक मान्यताओं के अनुकूल है। 

राणे का मानना था कि अगर दूसरे मंदिर भी इस तरह के नियम लागू करें तो यह भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को सम्मान देने के लिए एक अच्छी पहल होगी। इन सभी टिप्पणियों के माध्यम से नितेश राणे ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट किया, जिसमें उन्होंने हिंदुत्व, सुरक्षा मुद्दों और अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी कड़ी रुख को प्रमुखता से रखा। उनके बयान निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में नए विवाद और बहस को जन्म दे सकते हैं।

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