देश में मनी लॉन्ड्रिंग और उससे जुड़े अपराधों पर नजर रखने वाली प्रमुख एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अपने किए गए कार्यों और जब्त की गई संपत्तियों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े पेश किए हैं। ED ने बताया कि अब तक इस कानून के तहत 1.45 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। एजेंसी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में ही कुल 21,370 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि ED अपनी कार्रवाई में तेजी लाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ प्रभावी कदम उठा रही है।
PMLA कानून को 1 जुलाई 2005 से लागू किया गया था, और इसका उद्देश्य देश में टैक्स चोरी, काले धन की जमाखोरी, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों को रोकने के साथ-साथ आर्थिक अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करना था। इसके लागू होने के बाद से ED ने कई बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच की है, और इसमें अब तक 911 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही 44 मामलों में कुल 100 लोगों को PMLA के तहत दोषी ठहराया गया है, जिनमें से 36 लोगों को दोषी ठहराने का काम इस साल, यानी अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच किया गया है।
**मोदी सरकार के तहत वृद्धि**
ED के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 से पहले एजेंसी ने कुल 1.24 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इनमें से अधिकतर संपत्ति, यानी लगभग 1.19 लाख करोड़ रुपये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद जब्त की गई है।
इस आंकड़े से स्पष्ट है कि मोदी सरकार के आने के बाद, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। हालांकि, इस दौरान विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ED ने इस कानून का दुरुपयोग किया है और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया है। विपक्ष का कहना है कि इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने ED की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि यह एक स्वतंत्र एजेंसी है, और इसकी जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होती है।
**2024 में मिली अहम सफलता**
वहीं, 2024 में ED को भ्रष्टाचारियों से पीड़ित व्यक्तियों, बैंकों और अन्य वैध दावेदारों को जब्त की गई संपत्तियां वापस लौटाने में भी महत्वपूर्ण सफलता मिली है। अब तक ED ने कुल 22,737 करोड़ रुपये की संपत्तियां वैध दावेदारों तक पहुंचाई हैं। इनमें से 7,404 करोड़ रुपये अप्रैल 2024 से अब तक वापस किए गए हैं। इस सफलता में कई बड़े और चर्चित मामले शामिल हैं, जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और रोज वैली चिटफंड घोटाले के मामले।
इसके अलावा, नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) फ्रॉड और अन्य आर्थिक धोखाधड़ी मामलों में भी ED ने बड़ी कार्रवाई की है और प्रभावित पक्षों को न्याय दिलाने का काम किया है।
इन मामलों में ED की कार्रवाई और जब्ती प्रक्रिया ने यह स्पष्ट किया है कि एजेंसी देश में मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों पर सख्त नजर रखे हुए है और इन अपराधियों से संबंधित संपत्तियों की जब्ती के माध्यम से वे कानून के दायरे में लाकर पीड़ितों को न्याय दिलाने में सक्षम हो रही है। ED के इस प्रयास ने यह भी साबित किया है कि सरकार की प्रतिबद्धता देश में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ चल रही जंग को लेकर मजबूत है।
इस पूरे परिप्रेक्ष्य में यह देखा जा सकता है कि PMLA के तहत ED की कार्रवाई ने बड़े पैमाने पर आर्थिक अपराधियों और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है, जिससे देश की वित्तीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
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