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प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के बाद असम के व्यापारी की मौत, परिवार ने सुरक्षा पर उठाए सवाल

 04 Dec 2025

प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार कई श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं। इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के बीच असम के हाइलाकांदी जिले के 63 वर्षीय व्यापारी नितिरंजन पॉल भी थे, जो अपने परिवार के साथ प्रयागराज पहुंचे थे। वे इस पवित्र अवसर पर मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करने की इच्छा लेकर आए थे, लेकिन घाट पर हुई एक दिल दहला देने वाली भगदड़ ने उनकी जिंदगी का अंत कर दिया। घटना तड़के 2:30 बजे की है, जब भगदड़ के चलते नितिरंजन पॉल अपने परिवार से बिछड़ गए और जब तक परिवार ने उन्हें ढूंढ निकाला, तब तक उनका निधन हो चुका था। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


 नितिरंजन पॉल अपने परिवार के साथ पिछले हफ्ते प्रयागराज पहुंचे थे, और उन्हें उम्मीद थी कि वे इस पवित्र अवसर पर यमुनाजी में स्नान कर अपने जीवन के पापों से मुक्ति पा सकेंगे। उनकी पत्नी गायत्री पॉल ने बताया कि बुधवार तड़के करीब 2:30 बजे घाट पर अचानक भगदड़ मच गई और नितिरंजन पॉल अपने परिवार से बिछड़ गए। गायत्री ने आगे कहा, "हमने चारों ओर मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन दुर्भाग्यवश पुलिसकर्मी कहीं नजर नहीं आए। हमें कई घंटों बाद नितिरंजन का पता चला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने हमें बताया कि उनका इलाज करते वक्त उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।" हाइलाकांदी की पुलिस अधीक्षक लीना डोली ने इस दुखद घटना की पुष्टि की और कहा कि यूपी पुलिस से इस मामले में संपर्क कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज पुलिस ने उन्हें नितिरंजन पॉल के निधन के बारे में सूचित किया है और अब शव को आवश्यक औपचारिकताओं के बाद एयरलिफ्ट किया जाएगा। शव को सिलचर भेजने के बाद वहां से सड़क मार्ग से हाइलाकांदी लाया जाएगा।

 नितिरंजन पॉल हाइलाकांदी जिले के एक प्रसिद्ध व्यापारी थे और 'ओम स्वीट्स' के मालिक थे। उनके भाई पिंटू पॉल ने यह पुष्टि की कि परिवार के अन्य सदस्य सुरक्षित हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आई है। गायत्री पॉल ने बताया कि वे भारत सेवाश्रम संघ के साथ महाकुंभ आए थे और मधवापुर इलाके में ठहरे हुए थे। उन्होंने कहा, "हमने सोचा था कि जल्दी घाट पर पहुंचकर पवित्र स्नान करेंगे, क्योंकि श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक थी, लेकिन अचानक यह हादसा हो गया।"

 यह घटना महाकुंभ के इतिहास में एक दुखद मोड़ साबित हुई है, जहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या और सुरक्षा इंतजामों की कमी ने एक परिवार को जीवनभर का दुख दे दिया। इस हादसे ने न केवल परिवार के दिलों को तोड़ा, बल्कि महाकुंभ के आयोजकों और सुरक्षा प्रबंधकों के लिए भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिनका उद्देश्य इस तरह के आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

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