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डीआईजी ने महाकुंभ भगदड़ के कारणों का किया खुलासा, कहा- ‘चेंजिंग रूम का गेट गिरने से मची अफरा-तफरी’

 09 Dec 2025

महाकुंभ के मौनी अमावस्या शाही स्नान से पहले हुई भगदड़ के कारणों को लेकर अब महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि संगम तट पर स्थित चेंजिंग रूम का गेट भीड़ के दबाव में गिर गया था, जिससे भगदड़ मच गई। उनके अनुसार, जब चेंजिंग रूम का गेट गिरा, तो वह भीड़ के एक हिस्से पर गिरा, जिससे पैनिक की स्थिति उत्पन्न हुई और भगदड़ का माहौल बन गया।


 हादसे के लगभग 10 घंटे बाद अधिकारियों ने इस घटना के कारणों पर बयान दिया है, हालांकि मरने वालों की संख्या और मौतों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है और जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने परिजनों को खो दिया है, उनके प्रति गहरी संवेदनाएं हैं। भगदड़ के बाद, अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान को स्थगित करने का ऐलान किया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के बाद संतों ने शाही स्नान के आयोजन को फिर से हरी झंडी दे दी। 

संतों के स्नान के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए डीआईजी वैभव कृष्ण ने संगम नोज स्थल का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीआईजी वैभव कृष्ण ने इस बारे में कहा कि मौनी अमावस्या के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे थे और इस दिन करीब दस करोड़ लोग मेला स्थल पर मौजूद थे। चूंकि स्थान की कमी थी और भीड़ काफी अधिक थी, इस स्थिति में चेंजिंग रूम का गेट गिरने के बाद भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया कि घाट पर यह स्थिति होती है, जब लोग कपड़े उतारकर स्नान करने जाते हैं, और अधिकतर लोग स्नान के लिए जल्दी पहुंचने की कोशिश करते हैं, जिससे जाम और भीड़ की स्थिति बन जाती है। 

 डीआईजी ने यह भी बताया कि पहले शाही स्नान स्थगित किया गया था, क्योंकि भीड़ बहुत अधिक थी और यह स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी। हालांकि, अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने अब यह प्रस्ताव दिया है कि पुलिस और प्रशासन की मदद से स्नान के आयोजन के लिए उचित व्यवस्थाएं की जाएं, और अब अखाड़े स्नान के लिए पहुंचे हैं। उनके स्नान के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।

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