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Kerala: IUML नेता का विवादित बयान, बोले- महिला और पुरुष समान नहीं, अपना तर्क भी दिया

 09 Dec 2025

केरल में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता ने एक बार फिर विवादों को जन्म दिया है। मुस्लिम लीग के केरल इकाई के महासचिव पी.एम.ए सलाम ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष समान नहीं हैं। सलाम ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, "महिला और पुरुषों को बराबर मानना हकीकत से आंखें मूंदने जैसा है।" उनका यह बयान प्रदेश में विवाद का कारण बन गया है, क्योंकि यह समाज में लिंग समानता को लेकर चल रही बहस को फिर से हवा देता है।


 सलाम ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए एक उदाहरण दिया और कहा कि ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग श्रेणियां होती हैं, जो इस बात को साबित करती है कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से अलग हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि पुरुष और महिलाएं शारीरिक रूप से अलग होती हैं? क्या हम यह कह सकते हैं कि पुरुष और महिलाएं सभी मामलों में समान हैं? क्या दुनिया ने इसे स्वीकार किया है?" 

इस बयान में सलाम ने यह भी कहा कि IUML महिलाओं और पुरुषों के लिए लैंगिक न्याय का समर्थक है, न कि लैंगिक समानता का। इस बयान के तुरंत बाद, केरल में महिलाओं से जुड़े एक और विवादास्पद बयान ने तूल पकड़ा। पिछले सप्ताह केरल के एक प्रमुख इस्लामी मौलवी, ए पी अबूबकर मुसलियार ने सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं के एक साथ कसरत करने पर आपत्ति जताई थी। मुसलियार ने कहा था कि इस तरह की गतिविधियों से महिलाओं के शील का हनन हो सकता है, और यह उनकी मर्यादा के खिलाफ है। यह बयान भी राज्य में विवाद का कारण बना, खासकर तब जब राज्य के उत्तरी जिलों में 'मल्टी-एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन 7' (MEC 7) कसरत कार्यक्रम पर सवाल उठाए गए। 

इस कार्यक्रम पर आरोप थे कि इसका संबंध कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों जैसे 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' और जमात-ए-इस्लामी से हो सकता है, हालांकि आयोजकों ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है। मुस्लिम लीग का कांग्रेस को समर्थन जारी है, और इस बयान के बाद पार्टी के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासतौर पर भाजपा और केरल की कम्युनिस्ट पार्टियां कांग्रेस पर हमलावर हो सकती हैं, यह आरोप लगाते हुए कि वह कट्टरपंथी तत्वों का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के लिए यह मुश्किल समय हो सकता है, क्योंकि उसे मुस्लिम लीग के साथ अपने गठबंधन को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

 हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच केरल में लंबे समय से राजनीतिक गठबंधन बना हुआ है, और इस गठबंधन से दोनों दलों को अपना राजनीतिक लाभ भी मिलता है। इस विवाद ने राज्य में लैंगिक समानता और धार्मिक विचारों के बीच के संवेदनशील मुद्दों को फिर से सामने ला दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया होती है और इसके राजनीतिक परिणाम क्या होंगे।

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