महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के विदर्भ क्षेत्र के अधिवेशन में शहरी नक्सलवाद और अराजक विचारधाराओं के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति बेहद घातक है और शिक्षण संस्थानों को इसका केंद्र बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की सख्त नीतियों के चलते बंदूक के दम पर क्रांति लाने की कोशिश करने वाले नक्सली अब कमजोर हो चुके हैं, लेकिन उनके विचारों को अब शहरी युवाओं के बीच फैलाने की कोशिश की जा रही है।
शहरों के युवाओं को निशाना बनाने की साजिश
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "जो लोग पहले हथियार उठाकर हिंसा में शामिल थे, वे अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं। लेकिन नक्सलवाद की यह विचारधारा अब शहरों के युवाओं तक पहुंचाने की साजिश रची जा रही है। खासतौर पर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कैंपस को इसका केंद्र बनाया जा रहा है। ऐसे समय में राष्ट्रवादियों को पूरी ताकत से इन अराजक विचारों के खिलाफ खड़ा होना होगा।"
"माओवादी खत्म, पर उनकी विचारधारा शहरों में पैर पसार रही है"
उन्होंने आगे कहा कि केवल सत्ता में आना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा को सशक्त करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। "हमारी विचारधारा जब मजबूती से स्थापित होती है, तो अराजकतावादी बेचैन हो जाते हैं। आज शिक्षा संस्थान इन विचारों के प्रचार-प्रसार के सबसे बड़े केंद्र बन गए हैं। युवाओं को भ्रमित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है," मुख्यमंत्री ने कहा।
उन्होंने शहरी नक्सलवाद की चुनौती पर बोलते हुए कहा कि माओवाद का बड़े पैमाने पर खात्मा हो चुका है, लेकिन अब शहरों में इसकी जड़ें जमाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार इस खतरे को रोकने के लिए संवैधानिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करेगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नक्सल समर्थक ताकतें स्कूलों और कॉलेजों में अपने प्रभाव का विस्तार कर युवाओं को अपने जाल में फंसाने की नापाक कोशिश कर रही हैं, जिसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, "अगर 'युवा' शब्द को उल्टा पढ़ा जाए, तो यह 'वायु' बनता है। अगर यह वायु शुद्ध और सकारात्मक होगी, तो समाज जीवंत और सशक्त रहेगा, लेकिन यदि यह प्रदूषित हो गई, तो पूरे समाज को विनाश की ओर धकेल सकती है।" उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कुछ अराजक विचारधाराएं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के माध्यम से युवाओं को भटकाने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में इस चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के युवा कार्यकर्ताओं पर भी है। उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रवादी विचारों को मजबूत करने और शिक्षण संस्थानों में बढ़ती अराजकता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
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