अमेरिका में भारत से भेजी गई धागे की खेप में 70,000 गोलियां बरामद की गई हैं, जिनकी कीमत लगभग 33,000 अमेरिकी डॉलर बताई जा रही है। यह जानकारी अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग (CBP) ने दी। विभाग के अनुसार, इन गोलियों को धागे के सामान के बीच छिपाकर भेजा जा रहा था, और ये गोलियां कैलिफोर्निया के ब्यूना पार्क स्थित एक पते पर पहुंचाई जानी थीं। अमेरिकी प्रशासन ने इस खेप को जब्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि इन गोलियों का सेवन अमेरिका में पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना खरीदने या इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। इस स्थिति में यह मामला ड्रग्स तस्करी से जुड़ा हो सकता है, जो अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
गोलियां जोलपिडेम टार्ट्रेट नामक दवा की हैं, जो कि एक नशीली दवा मानी जाती है और इसे औषधि प्रवर्तन प्रशासन (DEA) ने नियंत्रित पदार्थों की सूची में शामिल किया है। इस दवा का इस्तेमाल मुख्य रूप से नींद की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि, यह गोलियां कभी-कभी गलत तरीके से इस्तेमाल की जाती हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जो ड्रग्स की लत से पीड़ित होते हैं। डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई इन गोलियों का बेजा इस्तेमाल, विशेष रूप से उच्च खुराक में, स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, इनकी बिक्री और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।
सीबीपी के अधिकारियों ने 17 दिसंबर को वॉशिंगटन डलेस हवाई अड्डे के पास स्थित एयर कार्गो गोदाम में काले धागे के 96 रोल की खेप की जांच की।
जांच में पाया गया कि इन धागे के प्रत्येक स्पूल के अंदर कुल 69,813 गोलियां छिपाई गई थीं। विभाग ने बताया कि इन गोलियों का मूल्य लगभग 33,000 अमेरिकी डॉलर है। इस मामले में वॉशिंगटन डीसी के क्षेत्रीय बंदरगाह निदेशक क्रिस्टीन वॉ ने कहा, "यह अमेरिका में बड़ी मात्रा में प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की तस्करी करने का एक प्रयास था, लेकिन हमारे प्रयासों के बावजूद तस्कर इसे अमेरिका तक नहीं पहुंचा सके।"
यह घटना अमेरिकी प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, खासकर जब पिछले कुछ समय से ड्रग्स की तस्करी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इससे पहले, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ड्रग्स की तस्करी को लेकर चिंता व्यक्त की थी और इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न देशों को जिम्मेदार ठहराया था, जिसमें चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे देश शामिल थे। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ड्रग्स तस्करी, चाहे वह किसी भी रूप में हो, अमेरिकी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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