बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू को दो बड़े झटके लगे हैं। मंगलवार को, "माउंटेन मैन" के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के बेटे और जेडीयू नेता भागीरथ मांझी, साथ ही जेडीयू के पूर्व सांसद अली अनवर ने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी जॉइन की। इसके अलावा, बिहार से कई प्रमुख नेताओं ने भी कांग्रेस का दामन थामा, जिनमें आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व प्रवक्ता निशांत आनंद, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता निघत अब्बास, भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद, लेखक और पत्रकार फ्रैंक हुज़ूर, और अखिल भारतीय प्रजापति कुम्हार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज प्रजापति शामिल हैं।
इन नेताओं का स्वागत कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने किया।
इस मौके पर, पूर्व सांसद अली अनवर अंसारी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वे पहले से ही कांग्रेस के नेताओं, जैसे खरगे और राहुल गांधी के विचारों से प्रभावित थे। उन्होंने यह भी बताया कि जब "संविधान रक्षा सम्मेलन" की शुरुआत हुई थी, तो उन्हें इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, और इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने राहुल गांधी के विचारों को और गहरे से समझा। अली अनवर ने कहा कि बिहार में दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों में राहुल गांधी के विचारों से उत्साह पैदा हुआ है, और कांग्रेस पार्टी के विचारों से वे पूरी तरह सहमत हैं।
अली अनवर, जो पहले जेडीयू के एक प्रमुख नेता थे और अप्रैल 2006 से दिसंबर 2017 तक राज्यसभा के सदस्य रहे थे, अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
निघत अब्बास, जिन्होंने पहले भाजपा में कार्य किया, भाजपा की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने कुछ समुदायों को हाशिए पर डालने का काम किया है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि भाजपा की राजनीति का आधार डर और कट्टरता है, जो समाज में भय और नफरत फैला रही है।
अब्बास ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि इस प्रकार की राजनीति को खत्म किया जाए। उन्होंने यह तर्क दिया कि भाजपा की नीतियों के कारण मुसलमानों में डर पैदा हो गया है, और यही कारण है कि उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन की। निघत अब्बास ने यह भी कहा कि कांग्रेस में उन्हें विश्वास है कि यहां उनके समुदाय के हितों की रक्षा की जाएगी, और उन्हें किसी भी प्रकार के डर के बिना अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
निशांत आनंद, जो पहले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता थे, ने भी पार्टी में रहते हुए झूठ छिपाने के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें कई ऐसे झूठ छिपाने के लिए मजबूर किया गया था, जिनसे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता था।
निशांत ने उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई बार दिल्ली के लोगों से वादे किए थे, जैसे यमुना को साफ करना, 500 नए स्कूल खोलना और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना, लेकिन इन वादों में से कोई भी पूरा नहीं हुआ। निशांत आनंद ने यह बताया कि उनके प्रवक्ता रहते हुए, उन्हें पार्टी के झूठ को छिपाने का दबाव महसूस हुआ, जो बाद में उनके लिए मुश्किल हो गया। इसके बाद, उन्होंने महसूस किया कि आम आदमी पार्टी में रहते हुए अपनी आत्मा के साथ नहीं रह सकते, और इसलिए कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।
इस प्रकार, इन नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना बिहार और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के दृष्टिकोण से।
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