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असम के CM हिमंत बिस्वा का मल्लिकार्जुन खड़गे पर हमला, सोनिया गांधी के कुंभ स्नान का किया जिक्र
12 Dec 2025
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में महाकुंभ पर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर होगी या किसी का पेट भरेगा?" इस बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे को निशाने पर लिया।
हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का महाकुंभ पर दिया गया बयान अभूतपूर्व है और यह सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है।" उन्होंने आगे कहा कि यह बयान राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक सोच को दर्शाता है। सरमा ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से यह भी सवाल किया कि 2001 में सोनिया गांधी ने कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान क्यों किया था।
सीएम सरमा ने कहा, "क्या मल्लिकार्जुन खड़गे यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी के मुद्दे हल नहीं होते?" उन्होंने कांग्रेस पार्टी से जुड़े हिंदू नेताओं से आह्वान किया कि वे इस मामले पर गंभीरता से विचार करें और अपने रुख को स्पष्ट करें। उनका मानना है कि किसी भी नेता या पार्टी को अपने धर्म और विश्वासों से समझौता नहीं करना चाहिए, चाहे वह सत्ता के लिए हो या पद के लिए। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "सनातन धर्म सदियों से समय की कसौटी पर खरा उतरा है, और राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसके सार को कमतर नहीं आंकना चाहिए।" उन्होंने सभी नेताओं से यह आग्रह किया कि वे अपने विवेक को मार्गदर्शक बनाकर आगे बढ़ें और धर्म, आस्था और देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ समझौता न करें।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी जनसभा में यह भी कहा था कि जब लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो इससे गरीबी दूर नहीं होती, न ही इससे किसी का पेट भरता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब बच्चे भूखे मर रहे हैं, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही, तो कुछ लोग हजारों रुपये खर्च कर कॉम्पिटिशन में डुबकी लगाते रहते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बयान में किसी की आस्था पर दोष न लगाने की बात भी कही और माफी भी मांगी, यदि उनके शब्दों से किसी को दुख पहुंचा हो।
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