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अमेरिका में गृह मंत्रालय की कार्रवाई से भड़के सिख संगठन, पूजा स्थलों को निशाना बनाने का लगाया आरोप

 16 Dec 2025

अमेरिका में गृह मंत्रालय के सुरक्षा अधिकारियों ने अवैध प्रवासियों की जांच के तहत हाल ही में न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के कुछ प्रमुख गुरुद्वारों का दौरा किया। इस पर सिख संगठनों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, यह आरोप लगाते हुए कि इस तरह की कार्रवाई उनके धार्मिक विश्वासों और आस्था की पवित्रता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है। इन संगठनों का कहना है कि कुछ अवैध प्रवासी, जिनमें कुछ सिख अलगाववादी भी शामिल हो सकते हैं, इन गुरुद्वारों का इस्तेमाल करते हैं। इस कदम ने यह मुद्दा और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि गुरुद्वारे न केवल पूजा स्थलों के रूप में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये सिख समुदाय के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र भी हैं।


 इस घटनाक्रम के बाद, ट्रंप प्रशासन ने एक नया निर्देश जारी किया, जिसे बेंजामिन हफमैन, जो गृह मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री हैं, ने पारित किया। इस निर्देश में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा जारी किए गए उन दिशानिर्देशों को रद्द कर दिया गया था, जिनके तहत संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पूजा स्थलों के आसपास कानून लागू करने पर प्रतिबंध लगाया गया था। ट्रंप प्रशासन ने इन क्षेत्रों को छोड़कर अब अन्य स्थानों पर अधिक कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है, जिससे धार्मिक स्थलों और पूजा केंद्रों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह कदम उन दिशा-निर्देशों को पलटने के रूप में देखा गया, जिनका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा करना था। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह नई नीति सीमा शुल्क और आव्रजन प्रवर्तन (ICE) के अधिकारियों को अमेरिकी आव्रजन कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने की शक्ति प्रदान करती है। उनके अनुसार, इससे अधिकारी हत्यारों, बलात्कारियों और अन्य आपराधिक प्रवासियों को पकड़ने में सक्षम होंगे, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। 

प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि अपराधी अब अमेरिका के स्कूलों, गिरजाघरों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में छिपकर अपनी गिरफ्तारी से बचने में सक्षम नहीं होंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ट्रंप प्रशासन अपने अधिकारियों को विवेकपूर्ण तरीके से काम करने की स्वतंत्रता देगा, और अधिकारियों को ऐसे मामलों में अधिक सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस नीति के विरोध में, सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन ने बताया कि इस नीति में किए गए बदलाव से पूजा स्थलों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। एसएएलडीएफ ने बताया कि इस नई नीति के लागू होने के कुछ ही दिनों बाद अधिकारियों ने न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के गुरुद्वारों का दौरा किया, जिससे समुदाय में असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो गया है। 

एसएएलडीएफ की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने इस बारे में कहा, "हम गृह मंत्रालय द्वारा किए गए इस फैसले से बहुत चिंतित हैं, जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा को समाप्त कर दिया गया है।" किरण कौर गिल ने यह भी कहा कि गुरुद्वारे सिर्फ पूजा स्थल नहीं होते, बल्कि ये सिखों और अन्य समुदायों के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र का कार्य भी करते हैं। वे सिख समुदाय के लिए न केवल एक धार्मिक स्थान होते हैं, बल्कि एक सहायक केंद्र भी होते हैं, जहाँ लोग आपसी सहयोग और मदद प्राप्त करने के लिए एकत्र होते हैं। गिल ने यह आरोप भी लगाया कि यदि इन धार्मिक स्थलों को जांच के लिए निशाना बनाया जाएगा, तो इससे सिखों के विश्वासों और आस्था की पवित्रता को खतरा होगा। इससे यह संदेश भी जाएगा कि देश भर के अप्रवासी समुदायों को अब सुरक्षित और मुक्त वातावरण में रहने के लिए डर महसूस हो सकता है। इस प्रकार, यह मामला केवल प्रवासियों और सुरक्षा नीतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक सुरक्षा और सांस्कृतिक संवेदनशीलता से भी जुड़ा हुआ है। सिख समुदाय और अन्य धर्मों के अनुयायी इस कदम को एक बड़े पैमाने पर धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में चुनौती के रूप में देख रहे हैं।

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