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17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी, दिग्विजय ने कहा- अवैध गतिविधियों पर भी लगे रोक

 18 Dec 2025

मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में राज्य के 17 धार्मिक स्थलों पर शराब की दुकानें बंद करने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए, धार्मिक स्थलों पर अन्य नशीले पदार्थों और जुआ-सट्टे पर भी सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों का सम्मान बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि न केवल शराब, बल्कि स्मैक जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री और जुआ-सट्टा जैसे अवैध कार्यों पर भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। 


 महेश्वर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इंदौर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े ठेकेदारों को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार की यह पहल आधी-अधूरी है और इसे और व्यापक बनाने की जरूरत है। गुजरात और बिहार जैसे शराबबंदी वाले राज्यों का उदाहरण देते हुए दिग्विजय सिंह ने शराबबंदी की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन राज्यों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, शराब आसानी से उपलब्ध है और यहां तक कि घर-घर पहुंचाई जाती है। उन्होंने इसे शराबबंदी के दावों की विफलता बताते हुए कहा कि केवल दिखावटी कदमों से समस्या का समाधान नहीं होगा।

 इसके साथ ही, दिग्विजय सिंह ने भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से संबंधित एक विवाद पर भी राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड के 337 टन जहरीले कचरे को पीथमपुर में लाकर निपटाने का फैसला गलत था। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कचरे को वहीं दबाकर खत्म किया जा सकता था। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि इस कदम के पीछे किसी बिल्डर का हाथ है, जो कारखाने के परिसर की कीमती जमीन को खाली कराने के लिए यह योजना लेकर आया। 

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के गुटबाजी पर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने की जरूरत है और पटवारी ने जो कहा है, वह सोच-समझकर ही कहा होगा। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त, इंदौर में डॉ. बीआर आंबेडकर और संत रविदास की प्रतिमाओं को सरकारी जमीन से हटाने के मामले में दिग्विजय सिंह ने प्रशासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इसे भाजपा सरकार की सोच का परिचायक बताया और कहा कि यह धार्मिक और सामाजिक प्रतीकों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। 

वहीं, प्रशासन ने दावा किया कि अज्ञात व्यक्तियों ने सरकारी जमीन पर अवैध चबूतरे बनाकर इन प्रतिमाओं को स्थापित किया था, जिसे हटाकर अतिक्रमण का प्रयास विफल किया गया। दिग्विजय सिंह ने सरकार से अपील की कि वे धार्मिक स्थलों के आस-पास सभी अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान बनाए रखा जाए।

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