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शिवसेना (यूबीटी) में टूट के आसार: शिंदे गुट में नेताओं के जाने की चर्चा

 18 Dec 2025

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) में एक बार फिर से फूट पड़ने की आशंका ने जोर पकड़ लिया है। खबरें हैं कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। अगर यह कयास सच साबित होते हैं, तो यह उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने दृढ़ता से दावा किया है कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उन्हें छोड़कर नहीं जाएगा। लेकिन हाल की घटनाओं ने उनके इस दावे को कमजोर कर दिया है।


 बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति ने पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद से शिवसेना (यूबीटी) में असंतोष और विभाजन की अटकलें तेज हो गई हैं।

 कौन-कौन नेता नहीं पहुंचे? 


 शिवसेना (यूबीटी) द्वारा अंधेरी में आयोजित इस कार्यक्रम में कई विधायकों और सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया। इनमें पार्टी के विधायक दिलीप सोपल, राहुल पाटिल, बाबाजी काले, और सांसद संजय देशमुख, नागेश पाटिल अश्तिकार, बंधु जाधव, ओम राजे निंबालकर, और संजय दीना पाटिल शामिल हैं।

 इसके अलावा, पूर्व विधायक राजन साल्वी और वैभव नाइक भी कार्यक्रम से नदारद रहे। खासकर राजन साल्वी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि वह जल्द ही उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट का हिस्सा बन सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि साल्वी ने इन अटकलों का न तो खंडन किया है और न ही कोई स्पष्ट बयान दिया है। इस बीच, शिवसेना और भाजपा, दोनों ही उन्हें अपने खेमे में लाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं।

 संजय राउत ने दी सफाई 


पार्टी में हो रही इन चर्चाओं पर शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, वे सभी पार्टी के साथ हैं और उनकी गैरमौजूदगी का मतलब पार्टी छोड़ना नहीं है। 

राउत ने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम मुख्य रूप से मुंबई के नेताओं के लिए आयोजित किया गया था। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों से संबंधित नेताओं ने अपनी व्यस्तताओं के चलते पहले ही सूचना दे दी थी कि वे इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे।

उदय सामंत का बड़ा दावा 


 शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले दिनों में उद्धव ठाकरे गुट में बड़ी टूट-फूट देखने को मिलेगी। सामंत के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) के चार विधायक और तीन सांसद जल्द ही शिंदे गुट का हिस्सा बन सकते हैं। इतना ही नहीं, सामंत ने यह भी कहा कि कांग्रेस के चार विधायक भी शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। 

  पार्टी के लिए गंभीर चुनौती 


 इन घटनाक्रमों के बीच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सामने गंभीर राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। बालासाहेब ठाकरे के नाम और उनकी विरासत को लेकर दोनों गुटों के बीच चल रही खींचतान पहले ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। अब नेताओं और विधायकों की संभावित बगावत ने पार्टी को और मुश्किल में डाल दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये अटकलें सच साबित होती हैं, तो यह न केवल उद्धव ठाकरे की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाएगा, बल्कि उनकी पार्टी की साख और राजनीतिक ताकत को भी कमजोर करेगा। दूसरी ओर, शिंदे गुट इन हालात का पूरा फायदा उठाने की कोशिश में जुटा हुआ है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना (यूबीटी) इस संकट से कैसे निपटती है।

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