अमेरिका ने हाल ही में दुनियाभर में चल रहे लगभग सभी विदेशी सहायता कार्यक्रमों के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मानवीय खाद्य सहायता कार्यक्रम और इज़राइल व मिस्र को दी जाने वाली सैन्य सहायता इस निर्णय के दायरे से बाहर रहेगी और यह सहायता जारी रहेगी। हालांकि, इस फैसले से स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, रोजगार प्रशिक्षण और अन्य कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चल रही अनगिनत परियोजनाओं के ठप होने का खतरा गंभीर रूप से बढ़ गया है।
यह निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका दुनिया में इन विदेशी परियोजनाओं के लिए सबसे अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले देशों में अग्रणी रहा है।
इस कदम से यह संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन सहायता कार्यक्रमों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्हें वे अमेरिकी हितों के अनुकूल नहीं मानते हैं। इस आदेश के तहत दुनियाभर के अमेरिकी दूतावासों को यह निर्देश दिया गया है कि वे नए सरकारी खर्चों को पूरी तरह रोक दें। इसका सीधा मतलब यह है कि ये कार्यक्रम केवल तभी तक जारी रह सकते हैं, जब तक कि उनके पास पहले से जारी धनराशि उपलब्ध है।
इस रोक के दौरान, अमेरिकी विदेश मंत्रालय इन हजारों सहायता कार्यक्रमों की गहन समीक्षा करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि इनमें से कौन से कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रखे जा सकते हैं और कौन से समाप्त किए जाएंगे।
मंत्रालय के इस आदेश में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हाल ही में हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश का जिक्र किया गया है, जो इन सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगाने का आधार बनता है। इस निर्णय ने विशेष रूप से उन मानवीय अधिकारियों और संगठनों को निराश किया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य मानव कल्याण कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। उनका मानना है कि इस वित्तीय रोक ने स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के केवल चार दिनों के भीतर अपने चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने अवैध अप्रवासियों के सामूहिक निर्वासन के लिए सैन्य विमानों का उपयोग करते हुए निर्वासन उड़ानें शुरू कर दी हैं। यह कदम उनके चुनावी प्रचार अभियान का प्रमुख हिस्सा था। साथ ही, ट्रंप ने एक अन्य कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें यह सूचना दी गई है कि भविष्य में बिना कानूनी दस्तावेज वाले अप्रवासियों के बच्चों को नागरिकता का अधिकार नहीं दिया जाएगा। इस निर्णय ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक बहस और चिंताओं को जन्म दिया है।
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