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कई अपराधी और आतंकवादी है जो विदेश में छुपे बैठे है, वापस भारत लाना चाहती है सरकार, देखें नाम

 18 Dec 2025

2008 के भीषण मुंबई आतंकवादी हमलों में भूमिका निभाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा को अपनी प्रत्यर्पण से बचने की अंतिम कानूनी कोशिश में करारी हार का सामना करना पड़ा है। शनिवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की अपील खारिज करते हुए भारत को उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी। इस फैसले ने भारत के लिए इस घातक हमले के मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे में लाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। यह निर्णय भारत के न्यायिक और कानूनी प्रयासों के लिए एक बड़ी जीत है, जो न केवल राणा के मामले में बल्कि अन्य कई अपराधियों को वापस लाने की कोशिशों में भी अहम भूमिका निभा सकता है।


भारत केवल तहव्वुर हुसैन राणा को ही नहीं, बल्कि कई अन्य फरार अपराधियों और आतंकियों को वापस लाने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े प्रयास कर रहा है। इन अपराधियों ने विभिन्न गंभीर अपराधों को अंजाम दिया है और अब भारत में न्याय से बचने के लिए विदेशों में छिपे हुए हैं। 

अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श दल्ला


अर्श दल्ला, खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख और कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादी, वर्तमान में कनाडा में शरण लिए हुए है। वह हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी घटनाओं के 50 से अधिक मामलों में भारत में वांछित है। भारत लगातार उसे प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, दिसंबर 2023 में उसे जमानत मिल चुकी है, जिससे प्रत्यर्पण प्रक्रिया जटिल हो गई है। 

 अनमोल बिश्नोई


गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई कई हाई-प्रोफाइल अपराधों में शामिल है। वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश रचने में कथित रूप से शामिल है। नवंबर 2023 में उसे अमेरिका में अवैध दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, भारत द्वारा उसका प्रत्यर्पण अब तक औपचारिक रूप से नहीं मांगा गया है।

विजय माल्या


शराब कारोबारी विजय माल्या पर भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी का आरोप है। 2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गए माल्या का प्रत्यर्पण कई कानूनी अड़चनों के कारण लंबा खिंच रहा है। पिछले साल सीबीआई कोर्ट ने उनके खिलाफ एक और गैर-जमानती वारंट जारी किया था। 

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी


हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोप है। नीरव मोदी को 2018 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में हैं। उन्होंने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कई याचिकाएं दायर कीं, लेकिन अब तक सभी खारिज हो चुकी हैं। मेहुल चोकसी इस समय एंटीगुआ में हैं और भारत उसे वापस लाने की कोशिशों में जुटा है। 

अन्य  अपराधी


 भारत के प्रत्यर्पण प्रयासों की सूची में संजय भंडारी भी शामिल हैं, जो एक आर्म्स डील कंसल्टेंट हैं और वर्तमान में यूके में रह रहे हैं। उन पर कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। इसके अलावा, महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, जो दुबई में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार हुए थे, को भी भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहा है

भारत की बड़ी चुनौती


 भारतीय सरकार ने पिछले महीने कहा था कि फरार अपराधियों की एक बड़ी संख्या अमेरिका में छिपी हुई है, जिससे यह देश अब अपराधियों और आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। भारत की कानूनी और कूटनीतिक कोशिशें इन अपराधियों को वापस लाकर उन्हें न्याय के दायरे में लाने के लिए जारी हैं। तहव्वुर हुसैन राणा का मामला इस दिशा में एक बड़ी सफलता का संकेत है। यह भारत की दृढ़ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रमाण है कि ऐसे अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जा सके। राणा का प्रत्यर्पण भारत के न्यायिक तंत्र के लिए एक मिसाल साबित हो सकता है।

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