Article

वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC की बैठक में विपक्ष का हंगामा, 10 सांसद सस्पेंड

 22 Dec 2025

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक शुक्रवार को हंगामे की वजह से सुर्खियों में रही। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का अध्ययन करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा के सीनियर नेता जगदंबिका पाल कर रहे थे, और इसमें वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति के सामने कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अपनी राय रखने वाला था।


इससे पहले, समिति के सदस्यों के बीच आपसी चर्चा हुई, जिसके दौरान विपक्षी नेताओं ने अपनी आपत्ति जताई और हंगामा कर दिया। विपक्षी नेताओं का कहना था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने का दबाव बना रही है। इस विवाद के कारण बैठक कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई।

बैठक में पुनः शुरुआत के बाद मीरवाइज के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल समिति के सामने पेश हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर चले गए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशे में बदल चुकी है। दोनों नेताओं ने प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक स्थगित करने की मांग की।

BJP के सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपराओं के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। मीरवाइज ने बैठक में कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और सरकार से धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा और किसी भी ऐसे कदम से बचा जाएगा जो मुसलमानों को कमजोर महसूस कराए।

निशिकांत दुबे ने कहा कि वक्फ का मुद्दा जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है। उन्होंने कहा कि वक्फ मामलों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मीरवाइज ने भी इस बात पर जोर दिया कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे जम्मू-कश्मीर में माहौल खराब हो।

Read This Also:- वक्फ संशोधन विधेयक में 572 संशोधन, JPC की बैठक में सरकार-विपक्ष का टकराव