मोकामा गोलीकांड के संदर्भ में पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है, जब पटना पुलिस उनकी गिरफ्तारी की पूरी तैयारी कर चुकी थी। यह घटना तब सामने आई जब पुलिस कई थानों की फोर्स को उनके गांव भेजने के लिए तैनात कर चुकी थी, लेकिन अनंत सिंह ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया। अनंत सिंह के सरेंडर के बाद उनके समर्थकों की भारी भीड़ कोर्ट के बाहर जमा हो गई, जो उनके समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। इस मामले में पटना पुलिस ने अनंत सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, साथ ही उन पर पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की करने, अभद्र व्यवहार करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप भी हैं।
इस गोलीकांड के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार से कई सवाल पूछे थे, खासकर कानून-व्यवस्था को लेकर। मोकामा गोलीकांड से पहले सोनू सिंह, जो इस मामले में एक अन्य आरोपी थे, ने भी पुलिस दबिश पर सरेंडर किया था। सोनू सिंह पर आरोप था कि उसने मुंशी के साथ मारपीट की, उसके घर पर ताला लगा दिया और गोलीबारी की। पुलिस ने सोनू को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में पटना पुलिस ने अनंत सिंह के समर्थक रोशन सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जो घटनास्थल पर मौजूद थे और पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की है।
बुधवार को मोकामा के नौरंगा गांव में हुए इस गोलीकांड की शुरुआत तब हुई जब पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थकों और मुखिया कुमारी उर्मिला सिन्हा के बेटे सोनू-मोनू के बीच कई राउंड फायरिंग हुई। घटनास्थल के पास ही अनंत सिंह भी मौजूद थे।
घटना के बाद पुलिस ने क्षेत्र में तैनात होकर जांच शुरू कर दी। ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि हालात अब नियंत्रण में हैं, और मौके से पिस्टल और कट्टा भी बरामद किए गए हैं। पुलिस की तरफ से इस मामले में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और सभी पहलुओं पर जांच चल रही है।
गोलीकांड के बाद अनंत सिंह ने कहा था कि उनके पास 10 से 15 लोग न्याय की गुहार लेकर आए थे। इन लोगों ने बताया कि सोनू और मोनू ने उनके घर में ताला लगा दिया था और 10 हजार रुपये की मांग की थी। अनंत सिंह ने फिर इन लोगों को पुलिस थाने जाकर डीएसपी से मिलने की सलाह दी, लेकिन जब इन लोगों को पुलिस से कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने खुद इन लोगों की मदद की। अनंत सिंह के अनुसार, उन्होंने सोनू और मोनू को समझाने के लिए उनके घर जाने का फैसला किया, लेकिन दोनों ने उन्हें देखते ही फायरिंग शुरू कर दी।
इस दौरान अनंत सिंह के एक समर्थक को गोली लग गई। इसके बाद, अनंत सिंह के समर्थकों ने हवाई फायरिंग की, और सोनू-मोनू मौके से फरार हो गए।
पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस आम जनता की सुरक्षा में अत्यधिक समय लगाती है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। सोनू और मोनू के आतंक से इलाके के लोग परेशान हैं। वे लगातार रंगदारी वसूलते हैं और लोगों को धमकाते हैं। इस स्थिति को लेकर उन्होंने पुलिस से तीव्र कदम उठाने की मांग की।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने बताया कि गोलीकांड के बाद इलाके में भय का माहौल है, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने यह भी कहा कि मोकामा और आसपास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा।
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