अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करते ही प्रवासियों पर सख्ती के लिए जो कदम उठाने का ऐलान किया था, उस पर अमल शुरू हो गया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने मेक्सिको सीमा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 1,500 से अधिक सक्रिय सैनिकों की तैनाती की योजना बनाई है। बुधवार को अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि कार्यवाहक रक्षा मंत्री रॉबर्ट सेलेसेस जल्द ही तैनाती के आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किन सैनिकों या यूनिट्स को सीमा पर भेजा जाएगा।
तैनाती में बदलाव की संभावना
सैनिकों की संख्या और उनकी भूमिका में परिवर्तन हो सकता है। फिलहाल यह तय नहीं है कि ये सैनिक कानून प्रवर्तन कार्यों में शामिल होंगे या नहीं। ये सक्रिय ड्यूटी बल पहले से तैनात 2,500 अमेरिकी नेशनल गार्ड और रिजर्व बलों के साथ काम करेंगे। इन सैनिकों को सीमा गश्ती एजेंटों की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा। उनका काम रसद, परिवहन और अवरोध तैयार करने में मदद करना होगा।
पॉसे कॉमिटेटस एक्ट और सैनिकों की भूमिका
‘पॉसे कॉमिटेटस एक्ट’ के तहत अमेरिकी सैनिकों को कानून प्रवर्तन कार्य करने से प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक इस कानून में बदलाव संभव है। इससे पहले भी ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में सीमा पर सैनिकों की तैनाती की गई थी, लेकिन उन्हें केवल समर्थन कार्य सौंपा गया था।
सीमा सुरक्षा को लेकर ट्रंप का सख्त रुख
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने शुरुआती आदेशों में रक्षा मंत्री को निर्देश दिया था कि वह ‘सीमाओं को सील करने’ और ‘अवैध सामूहिक प्रवासन’ को रोकने के लिए एक ठोस योजना तैयार करें। ट्रंप का यह कदम उनकी प्रशासनिक नीति के तहत अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के फैसले का हिस्सा है। सैनिकों की तैनाती का मकसद सीमा गश्ती एजेंटों को सहयोग प्रदान करना है। ये एजेंट सीमा पर रसद, परिवहन और अवरोध तैयार करने जैसे कार्यों में जुटे हुए हैं। यह पहल अवैध प्रवासियों की बढ़ती समस्या पर अंकुश लगाने के लिए ट्रंप प्रशासन की आक्रामक नीति का हिस्सा है।
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