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Naxal Encounter: एक करोड़ के इनामी जयराम उर्फ चलपति हुआ मुठभेड़ में ढ़ेर, छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई

 21 Jan 2025

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने एक शानदार ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 16 से अधिक नक्सलवादियों को ढेर कर दिया है। रविवार से जारी इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने कई खतरनाक नक्सलियों को मारा, जिनमें से एक प्रमुख नक्सली, जयराम उर्फ चलपति, था, जिसका नाम पूरे देश में आतंक का पर्याय था। चलपति नक्सलियों की सेंट्रल कमिटी का सदस्य था और वह देश के सबसे बड़े और खतरनाक नक्सली कमांडरों में से एक माना जाता था। उसकी सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इस मुठभेड़ के बाद 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि ऑपरेशन जारी है।


मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं

मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में जयराम उर्फ चलपति के अलावा अन्य कई खतरनाक नक्सली भी शामिल हैं। चलपति न केवल एक अनुभवी नक्सली कमांडर था, बल्कि सुरक्षाबलों पर कई हमलों में भी शामिल था। उसकी मौत न केवल नक्सलवादियों के लिए एक बड़ी झटका है, बल्कि यह नक्सली संगठन के अंदर एक बड़ी कमजोरी साबित हो सकती है। सुरक्षाबलों का मानना है कि यह ऑपरेशन नक्सलवादियों के खिलाफ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

सुरक्षाबलों द्वारा बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद की बड़ी खेप

इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक 'सेल्फ लोडिंग' राइफल (SLR) जैसी स्वचालित हथियारों के साथ-साथ कई अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। इसके अलावा, नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंगों का भी सुरक्षाबलों ने पता लगाया। इन उपकरणों का इस्तेमाल नक्सली अक्सर सुरक्षाबलों के खिलाफ हमलों में करते थे। इसके अलावा, सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ क्षेत्र से विभिन्न प्रकार के विस्फोटक सामग्री भी बरामद की, जो नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों के लिए इस्तेमाल की जाती थी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी सराहना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुठभेड़ को नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में सराहा। उन्होंने ट्वीट किया, "नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है।" उन्होंने सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम की सराहना की, जिन्होंने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर इस ऑपरेशन में नक्सलवादियों का खात्मा किया। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों के इस समर्पण और संयुक्त प्रयासों के कारण नक्सलवाद आज अंतिम सांसें ले रहा है, और भारत में जल्द ही एक नक्सल मुक्त भविष्य होगा।

नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन का महत्वपूर्ण कदम

आईजी अमरेश मिश्रा के अनुसार, 19 जनवरी की रात को इस ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी, जब सुरक्षाबलों को ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा के पास स्थित कुल्हाड़ीघाट रिजर्व वन में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद, सुरक्षा बलों ने 1000 जवानों की एक बड़ी टीम गठित की, जिसमें कोबरा 207, CRPF की 65 और 211 बटालियन, और एसओजी नुआपाड़ा की टीम शामिल थी। इस टीम ने करीब 60 से ज्यादा नक्सलियों को घेर लिया और एक तगड़ी मुठभेड़ के बाद उन्हें ढेर कर दिया।

अधिकारियों ने बरामद किए गए हथियारों और अन्य सामग्रियों का विवरण दिया

मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्रियां बरामद कीं। इनमें स्वचालित राइफलें, कारतूस, बारूदी सुरंगें, और अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल थीं। इस तरह की बड़ी मात्रा में बरामदगी यह साबित करती है कि नक्सली संगठन को अब तक सुरक्षा बलों से कड़ी चुनौती मिल रही थी। इस ऑपरेशन में मिली सफलता से यह भी साबित हुआ कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की आपूर्ति लाइनों को भी बुरी तरह से तोड़ दिया है, जो उनकी गतिविधियों को और भी ज्यादा कमजोर करने में मदद करेगा।

नक्सलवाद के खिलाफ निरंतर संघर्ष

यह मुठभेड़ न केवल नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह सरकार की उस नीति की भी सफलता है, जिसमें नक्सलवादियों से सख्ती से निपटने की बात की जा रही है। नक्सलवाद से मुकाबला करने के लिए सुरक्षाबलों ने लगातार अभियान चलाए हैं, और यह ऑपरेशन उन अभियानों की एक कड़ी है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र किया कि नक्सल मुक्त भारत का सपना अब तेजी से साकार हो रहा है और देश में नक्सलवाद का खात्मा होगा।

सुरक्षा बलों की तत्परता और नक्सलवाद के खिलाफ मजबूत रणनीति

छत्तीसगढ़ में इस ऑपरेशन से यह भी स्पष्ट होता है कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अपनी रणनीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब वे न केवल नक्सलियों को सीधे मैदान में घेरते हैं, बल्कि उनकी आपूर्ति लाइनों को भी नष्ट कर रहे हैं। इन सफल ऑपरेशनों के बाद, यह उम्मीद जताई जा रही है कि नक्सलवादी जल्द ही अपनी जड़ें खो बैठेंगे और इस अभियान के साथ नक्सलवाद का अंत करीब आ सकता है।