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राजा भैया का विवादित बयान, कहा- ‘15 मिनट पुलिस हटी तो आधा हिन्दू समाज एक झटके में ख़त्म हो जाएगा!’

 17 Jan 2025

कुंडा के विधायक राजा भैया ने महाकुंभ में एक बहुत ही गंभीर बयान दिया, जिसमें उन्होंने हिंदू समाज के अस्तित्व को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस हटा दी जाए तो महज 15 मिनट में हिंदू समाज की वास्तविक स्थिति का पता चल जाएगा। उनका यह बयान विशेष रूप से समाज के सामने यह सवाल खड़ा करता है कि हिंदू समाज वर्तमान में अपनी रक्षा के लिए किस हद तक तैयार है। राजा भैया ने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो शायद आधे हिंदू समाज को एक झटके में ही नष्ट किया जा सकता है। इसके बाद, उन्होंने हिंदू समाज को सचेत करते हुए यह कहा कि हमारे पास न तो वंशवृद्धि की कोई ठोस योजना है और न ही हम शस्त्रों का संकलन कर रहे हैं, जो हमारी रक्षा के लिए जरूरी है।


 राजा भैया ने अपने भाषण में यह भी कहा कि हिंदू समाज को अपनी संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा के लिए बहुत गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने शास्त्रों और शस्त्रों की भूमिका पर जोर दिया, और कहा कि जब तक हम शस्त्रों का उपयोग नहीं करेंगे, तब तक हमारी रक्षा नहीं हो सकती। राजा भैया ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम इतिहास को देखें तो शास्त्रों के बावजूद शस्त्रों का महत्व हमेशा था। उन्होंने भगवान राम का उदाहरण दिया, जिन्होंने वनवास के दौरान अपने शस्त्र साथ रखे थे। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू देवी-देवता हमेशा शस्त्रों से सुसज्जित रहते थे, जैसे कि भगवान शिव के हाथ में त्रिशूल और हनुमान जी के हाथ में गदा। राजा भैया का यह कहना था कि हिंदू समाज को शस्त्रों का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि शास्त्र हमें मार्ग दिखाते हैं, लेकिन शस्त्रों का इस्तेमाल हमेशा हमारी रक्षा के लिए जरूरी है। इसके बाद राजा भैया ने हिंदू समाज की वर्तमान स्थिति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज न तो वंशवृद्धि कर रहा है, न शस्त्रों का संचय कर रहा है और न ही समाज में एकजुटता लाने के लिए कोई ठोस कदम उठा रहा है। 

राजा भैया ने यह भी कहा कि हिंदू समाज को अपनी संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं की रक्षा के लिए केवल आस्थावान नहीं, बल्कि शस्त्र-सज्जित भी होना चाहिए। उनका यह संदेश था कि समाज को शास्त्रों के साथ-साथ शस्त्रों के महत्व को समझने की आवश्यकता है। उनका यह कहना था कि जब तक हम शस्त्रों का सही उपयोग नहीं करेंगे, तब तक हमारी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं हो सकती। राजा भैया ने यह भी कहा कि हिंदू समाज ने हमेशा दूसरों को शरण दी है, चाहे वह मुसलमान हों, यहूदी हों या तिब्बती। भारत में कभी भी किसी धर्म के अनुयायी को शरण देने से इनकार नहीं किया गया, लेकिन अब समस्याएँ तब उत्पन्न होती हैं जब कोई व्यक्ति यह दावा करता है कि उसे केवल एक ही ईश्वर को मानना होगा, और यदि वह ऐसा नहीं करता तो उसे मारा जाएगा। राजा भैया ने यह कहा कि भारत में किए गए आतंकवादी हमले, चाहे वह काशी में हो, प्रयाग में हो या फिर अक्षरधाम में, या यहां तक कि भारत की संसद में भी, ये हमले केवल तभी होते हैं जब कोई समूह अपने धर्म के अनुयायियों पर अत्याचार करता है और दूसरे धर्मों के लोगों को अपने धर्म को मानने के लिए दबाव डालता है। महाकुंभ के इस अवसर पर राजा भैया ने सनातन धर्म का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से पहले कोई अन्य धर्म नहीं था और जो भी धर्म और पंथ आए, वे सनातन के बाद आए थे। 

सनातन धर्म में देवताओं ने अवतार लिया और अपनी उपदेशों से दुनिया को मार्गदर्शन दिया। राजा भैया ने यह भी कहा कि कुंभ के दौरान सनातन धर्म के ध्वजवाहक आते थे, और कुंभ का असली उद्देश्य राजाओं और साधु-संतों को अपने अनुभवों और मार्गदर्शन से एकजुट करना था, ताकि वे समाज के कल्याण के लिए ठोस कदम उठा सकें। राजा भैया ने विशेष रूप से महाराज शिवाजी की सराहना की, जिन्होंने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की। उन्होंने बताया कि शिवाजी महाराज ने अपनी सैन्य शक्ति और नीति से भारत के स्वराज्य की नींव रखी थी, और हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। राजा भैया ने यह कहा कि आज की राजनीति में हमें अपनी पहचान और अस्तित्व की रक्षा के लिए उन संघर्षों और कार्यों को समझना और अपनाना चाहिए, जिन्हें ऐतिहासिक महापुरुषों ने किया था। राजा भैया ने इस्लाम के बारे में भी अपनी राय दी और कहा कि हमें इस्लाम से कुछ महत्वपूर्ण बातें सीखने की जरूरत है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि मुसलमान अपने धर्म के प्रचार के लिए बहुत तत्पर रहते हैं, और हमें भी अपनी संस्कृति और धर्म को बचाने के लिए उतनी ही तत्परता से काम करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जैसा कि मुसलमान मस्जिदों में जाकर अपनी इबादत करते हैं और अपने धर्म के प्रचार की चिंता करते हैं, वैसे ही हिंदू समाज को भी अपने धर्म की रक्षा के लिए ज्यादा सक्रिय और जागरूक रहना चाहिए। राजा भैया ने शस्त्रों के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि अगर आज हमारा देश सुरक्षित है तो वह सिर्फ और सिर्फ हमारी सेना की वजह से है। उन्होंने यह कहा कि इजरायल जैसे देशों में भी शस्त्रबलों की वजह से उनका अस्तित्व बना हुआ है। राजा भैया ने यह भी बताया कि भारत में नागा साधुओं की स्थापना शस्त्रों के आधार पर हुई थी और जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला किया, तो नागा साधुओं ने उसे खदेड़ दिया था। हालांकि, कुछ वर्षों बाद उसने मंदिर को नष्ट कर दिया, लेकिन यह घटना साबित करती है कि शस्त्रों का महत्व कभी खत्म नहीं हुआ और उनका उपयोग देश की सुरक्षा के लिए हमेशा जरूरी है। राजा भैया के इस बयान ने हिंदू समाज को एकजुट होने, अपनी संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा के लिए शस्त्रों का महत्व समझने, और समाज के हर पहलू में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता को उजागर किया।