तेलंगाना में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम में भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कुछ प्रमुख नेताओं को पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया है। इस सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता केटी रामा राव (KTR), हरीश राव और RS प्रवीण कुमार शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये नेता उस समय नजरबंद किए गए जब पी कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। साथ ही, केटी रामा राव के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। यह कदम पुलिस ने तब उठाया जब पी कौशिक रेड्डी को कांग्रेस विधायक संजय कुमार के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
पी कौशिक रेड्डी की गिरफ्तारी
12 जनवरी को करीमनगर में आयोजित जिला समीक्षा समिति की बैठक के दौरान BRS विधायक पी कौशिक रेड्डी और कांग्रेस के विधायक संजय कुमार के बीच तीखी बहस हो गई थी। इस दौरान कौशिक रेड्डी ने संजय कुमार के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। घटना के बाद संजय कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कौशिक रेड्डी पर सरकारी काम में बाधा डालने, गाली देने और शारीरिक आघात पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और सोमवार को कौशिक रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया।
संजय कुमार ने यह भी बताया कि कौशिक रेड्डी ने उन्हें गाली दी और अपमानित किया, जिसके बाद मामले को लेकर विवाद बढ़ गया। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद, BRS नेताओं ने इस कार्रवाई को अत्यधिक आलोचना करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया।
पार्टी ने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध के कारण की गई है। केटी रामा राव पर भ्रष्टाचार के आरोप
इस घटना के बाद अब केटी रामा राव (KTR) के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं। केटी रामा राव, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के बेटे हैं, वर्तमान में फार्मूला ई कार रेस के आयोजन में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के घेरे में हैं। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और हाल ही में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
KTR ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ACB के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। हालांकि, फिर भी उन्हें सात घंटे तक एक ही तरह के सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य किया गया। KTR ने यह भी आरोप लगाया कि यह सभी घटनाएं मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी की लड़ाई का परिणाम हैं।
उन्होंने यह दावा भी किया कि मुख्यमंत्री उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं।
KTR का कहना था, "जब कोई मामला नहीं है, तो अधिकारियों के पास आरोपों को साबित करने के लिए कुछ नहीं है। वे मुझसे बार-बार वही सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन उनके पास मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। यह पूरी प्रक्रिया केवल राजनीति से प्रेरित है।"
इन घटनाओं ने तेलंगाना में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। BRS और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बन गई है। जहां एक ओर कांग्रेस ने कौशिक रेड्डी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, वहीं BRS ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए कड़ी निंदा की। अब तक, पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच आरोपों का सिलसिला जारी है।
इसके अलावा, तेलंगाना की राजनीति में केटी रामा राव की अहम भूमिका को देखते हुए इस मामले का असर राज्य के आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है। एक तरफ जहां BRS अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में जुटी है, वहीं कांग्रेस इस घटनाक्रम का फायदा उठाकर BRS पर निशाना साधने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के घटनाक्रम राज्य में आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं, और दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच संघर्ष और तेज हो सकता है।