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तमिलनाडु CM स्टालिन की घोषणा: सिंधु घाटी लिपि के रहस्य को सुलझाने पर 10 लाख डॉलर का इनाम!

 06 Jan 2025

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को एक ऐतिहासिक और रोमांचक घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि जो भी शोधकर्ता सिंधु घाटी सभ्यता की रहस्यमयी लिपि को पढ़ने और समझने में सफल होगा, उसे 10 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर की, जो सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया था।


 मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन में बताया कि सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन, समृद्ध और उन्नत सभ्यताओं में से एक मानी जाती है, लेकिन इसकी लिपि आज भी एक रहस्य बनी हुई है, जिसे अब तक कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से समझने में सफल नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सिंधु घाटी की लिपि का अध्ययन और उसका अनुवाद करना एक बेहद जटिल कार्य है, और अभी तक इस दिशा में किए गए सभी प्रयासों में कोई भी पूर्ण सफलता हासिल नहीं कर सका है। उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि इस लिपि को समझने वाला व्यक्ति या शोधकर्ता भारतीय इतिहास और संस्कृति के गहरे रहस्यों को उजागर करने में मदद कर सकेगा। 

इस प्रयास से भारतीय सभ्यता की प्राचीन धरोहर को नया जीवन मिल सकता है, जो आज भी हमारे लिए एक गहन अध्ययन का विषय बना हुआ है। सीएम स्टालिन ने यह भी संकेत दिया कि इस पहल से न केवल शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि यह भारत और विश्वभर के उन लोगों के लिए एक शानदार अवसर होगा जो प्राचीन सभ्यताओं को समझने और अध्ययन करने में रुचि रखते हैं। उन्होंने यह घोषणा की कि पुरस्कार राशि का प्रस्ताव इस दिशा में अधिक से अधिक शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को आकर्षित करेगा, ताकि इस अनसुलझे मुद्दे को सुलझाने के प्रयास तेज हो सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधु घाटी की लिपि को समझने का मतलब न केवल भारतीय इतिहास और संस्कृति के गहरे पहलुओं को समझना होगा, बल्कि यह हमें उस समय के समाज, राजनीति, व्यापार और विज्ञान के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। लिपि के अनुवाद से हमें सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है, जो आज तक बहुत हद तक रहस्य ही बनी हुई है।

 मुख्यमंत्री स्टालिन की यह घोषणा शोधकर्ताओं, इतिहासकारों, छात्रों और आम लोगों के बीच उत्साह का संचार कर रही है। अब यह देखना होगा कि इस पुरस्कार राशि के माध्यम से कौन सा शोधकर्ता या संगठन सिंधु घाटी की लिपि के रहस्यों को सुलझाने में सफल हो पाता है। यह शोध न केवल भारतीय इतिहास के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि मानवता के लिए भी एक बड़ा योगदान होगा।