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अमित शाह को नहीं है क़ानून की जानकारी - कपिल सिब्बल

 16 May 2024

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत को असामान्य फैसला बताया हैं। इसको लेकर वरिष्ट वकील कपिल सिब्बल ने अमित शाह पर हमला बोला है। कपिल ने गृह मंत्री के इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि अगर उन्हें कानून की जानकारी होती तो इस तरह की टिप्पणा नहीं करते। अमित शाह के इस बयान से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना होती हैं।



कपिल सिब्बल ने क्या कहा

वरिष्ट वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अमित शाह ने बहुत आपत्तिजनक बयान दिया है। अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल उठाया है। गृह मंत्री को कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसलिए उन्हें इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। कपिल सिब्बल ने समझाया कि अगर किसी को दो तीन साल से ज्यादा की सजा होती और उसके बाद उसकी सजा पर स्टे लग जाता है तो वह चुनाव लड़ सकता हैं। अगर किसी पर चार्जशीट दायर हैं तो वो नामांकन और चुनाव प्रचार कर सकता है। जैसे बृजभूषण सिंह पर भी चार्जशीट दायर हैं लेकिन वह अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार कर रहा हैं। कपिल ने कहा “मेरा मानना है कि अगर गृह मंत्री को कानून के बारे में थोड़ी भी जानकारी होती तो वह इस तरह की बात नहीं करते।

कपिल सिब्बल ने स्वाति मालीवाल मारपीट मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अमित शाह से सवाल किया। उन्होंने कहा, “अमित शाह इसे लेकर इतना परेशान क्यों हैं? यह आप का आंतरिक मामला नहीं है। आपको प्रज्ज्वल रेवन्ना के बारे में सोचना चाहिए। आप इस मामले में कोई बयान क्यों नहीं देते हैं।”


पीओके पर क्या बोले सिब्बल 

कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह के पीओके वाले बयान को लेकर भी जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा, "अमित शाह कहते हैं कि अगर हम 400 सीट जीतेंगे तो पीओके वापस ले लेंगे। अगर आप इतनी सीटें नहीं जीत पाए तो क्या होगा? आप पीओके वापस नहीं लेंगे? हम चाहते हैं कि आप इसे वापस लें। लेकिन सबसे पहले आपको उस चार हज़ार किमी जमीन को वापस लेना चाहिए, जिसे चीन ने छीन लिया है।"



अमित शाह ने क्या कहा था


 गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को असामान्य फैसला बताया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि 'मेरा मानना है कि यह कोई नियमित फैसला नहीं है। इस देश में बहुत सारे लोग मानते हैं कि उनके साथ विशेष व्यवहार किया गया है।