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IIMC जम्मू में तिरंगे के पोल पर भगवा लहरा कर मनाया RSS का स्थापना दिवस
25 Oct 2023

क्या उच्च शिक्षा संस्थानों में RSS कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम करने की इजाज़त दे दी गयी है, या फिर मोदी राज में इस संगठन को इजाज़त लेने की भी ज़रूरत नहीं रह गयी है। कुछ दिनों पहले दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के एक कार्यक्रम पर मचा बवाल ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक और उच्च शिक्षण संस्थान आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर सवालों के घेरे में है।

देश के शीर्ष पत्रकारिता संस्थान समझे जाने वाले भारतीय जनसंचार संस्थान (Indian Institute of Mass Communication) के जम्मू स्थिति उत्तर-क्षेत्रीय परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर हुए एक आयोजन की तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में कुछ छात्र मुख्य परिसर के बाहर लॉन में संघ की प्रार्थना करते हुए नज़र आ रहे हैं। साथ ही बगल में एक कुर्सी पर तीन चित्र भी रखे हैं। इसके अलावा एक पोल पर आरएसएस का झण्डा रस्सी से बंधा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, जिस पोल पर भगवा झण्डा बंधा हुआ है, उस पर विशेष अवसरों पर तिरंगा फहराया जाता है।

कुछ दिनों पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आरएसएस कार्यकर्ताओं के पथसंचलन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थीं। इस पर आइसा समेत कई छात्र संगठनों ने सवाल खड़े किए थे। छात्र संगठनों का कहना था कि जेएनयू एक सरकारी वित्तपोषित विश्वविद्यालय है, आरएसएस की शाखा नहीं। RSS को JNU के अकादमिक ब्लॉक में इकट्ठा होने की अनुमति है, लेकिन जब छात्र और शिक्षक इकट्ठा होते हैं तो अनुशासनहीनता बता कर कार्रवाई की जाती है। JNU प्रशासन के रवैये से साफ़ ज़ाहिर होता है कि वह RSS जैसे संगठनों के आगे पूरी तरह दंडवत है।

MOLITICS ने इस मामले में IIMC जम्मू की डिप्टी डायरेक्टर आयुषी पुरी से मेल करके पूछा था कि क्या इस मामले में IIMC जम्मू प्रशासन को कोई जानकारी थी? खबर के छापे जाने तक इस मामले में उनका कोई जवाब नहीं आया है। हालाँकि बाद में उन्होंने फोन पर MOLITICS से बात करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। वो इस मामले को देखेंगी। इस पूरे मामले में IIMC की तरफ से भी किसी प्रकार का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इससे पहले भी आईआईएमसी के ऊपर एक खास तरह की विचारधारा को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं।
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