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कौशांबी के खूनी संघर्ष में 3 की हुई मौत!

 15 Sep 2023

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में दलितों का ट्रिपल मर्डर हुआ। वहाँ दलित पिता, बेटी और दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुरुवार रात सोते वक्त तीनों की हत्या की गई। चारपाई में तीनों के खून से लथपथ शव पाए गए। घटना का पता शुक्रवार सुबह 6 बजे उस वक्त चला जब आसपास के लोग रास्ते से जा रहे थे। इसके बाद लोग भड़क गए और आगजनी-बवाल शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने पड़ोस के 7-8 घरों को आग के हवाले कर दिया। अभी तक यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जमीनी विवाद में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। घटना कौशांबी के संदीपन घाट क्षेत्र की है। इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम करा कर गांव लाए जाएंगे। परिवार के लोगों के गुस्से को देखते हुए यहां कई जिलों से फोर्स बुलाई जा रही है। वहीं, घटना के बाद ADG, कमिश्नर, IG, SP और चायल व सिराथू के CO मौके पर मौजूद हैं। स्थिति को काबू करने के लिए 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया है। फतेहपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज और कौशांबी से पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची है। जिले के एसपी और डीएम मौके पर मोर्चा संभाले हैं। आरोपियों के घरों के बाहर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है, क्योंकि पीड़ित पक्ष बार-बार उनके घरों को जलाने का प्रयास कर रहा है और पथराव कर रहा है। पीड़ित पक्ष की महिलाएं बार-बार इंसाफ मांगते-मांगते रोने लगती हैं। मृतकों की शिनाख्त होरीलाल (62), उनकी बेटी बृजकली (22) और दामाद शिवसागर (26) के तौर पर हुई है। संदीपन घाट पर होरीलाल की जमीन का पट्‌टा था। आस-पास के कुछ लोगों से इसी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसे लेकर होरीलाल ने विवादित भूमि पर झोपड़ी डालकर अपना कब्जा कर रखा था। दामाद और बेटी भी झोपड़ी में साथ ही रहते थे। शिवसागर ने पास में ही किराए की दुकान लेकर सहज जनसेवा केंद्र खोल रखा था। होरीलाल का इसी झोपड़ी से 100 मीटर की दूरी पर घर है। वहां उनकी पत्नी और दो नाती रहते हैं। गुरुवार देर शाम होरीलाल, बेटी-दामाद के साथ झोपड़ी में आ गए। तीनों चारपाई बिछाकर झोपड़ी के बाहर सो गए। सुबह जब आस-पास के लोग जगे, तो उन्होंने तीनों की चारपाई में खून से लथपथ लाश देखी। इसके तुरंत बाद परिवार वाले भी पहुंच गए। यह उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी घटना नही है जो दलितों के साथ हुई हो इससे पहले भी उत्तर प्रदेश सुर्ख़ियों में रहा है। आपको हाथरस की घटना याद होगी उसमें भी काफ़ी समय तक कार्यवाही चलती रही और आज कई साल गुजर जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश दलितों के लिए सुरक्षित नही है। जबकि सरकार बड़े बड़े वादे करती नज़र आ रही है।