UP Flood Alert: 17 जिलों में जलभराव, मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार की कतारें

उत्तर प्रदेश में मानसून ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है। पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। राज्य की प्रमुख नदियां उफान पर हैं(UP Flood Alert) और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है, जिससे आवागमन, स्कूल और रोजमर्रा की गतिविधियों पर गहरा असर पड़ा है।


UP Flood Alert: 22 जिलों में स्कूलों की छुट्टी

प्रशासन ने हालात को देखते हुए लखनऊ समेत 22 जिलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। राजधानी लखनऊ के अलावा रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, बहराइच और अंबेडकर नगर जैसे जिलों में भी जिलाधिकारियों ने आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हालात की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को राहत व बचाव कार्यों में तत्परता बरतने के निर्देश दे रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है।

17 जिलों के 402 गांव बाढ़ से प्रभावित

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल 17 जिलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जिन जिलों में बाढ़ का सबसे अधिक असर देखा गया है, उनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 2,759 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, जबकि कई घरों को नुकसान हुआ है। प्रशासन ने बाढ़ से घिरे क्षेत्रों में नावों और मोटरबोट की मदद से राहत सामग्री पहुंचाना शुरू कर दिया है। 29 स्थानों पर लंगर की व्यवस्था की गई है ताकि प्रभावित लोगों को भोजन मिल सके।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

वाराणसी में स्थिति सबसे चिंताजनक बनी हुई है। रविवार को गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे कई घाट जलमग्न हो गए हैं। नमो घाट को पहली बार पूरी तरह बंद कर दिया गया है, वहीं मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चल रही हैं। यहां शवों के अंतिम संस्कार में कठिनाइयां बढ़ गई हैं—शवों की लंबी कतारें लगी हैं और अंतिम संस्कार के लिए 5-6 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। लकड़ी के दाम बढ़ा दिए गए हैं और शवों को घाट तक पहुंचाने के लिए नाव वालों द्वारा ₹200 से ₹500 तक अतिरिक्त शुल्क वसूले जाने की शिकायतें सामने आई हैं।

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