
भाषा विवाद पर ममता बनर्जी का BJP पर वार – “बंगाली से नफ़रत क्यों?”
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को 'शहीद दिवस' के मौके पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। कोलकाता के धर्मतल्ला में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने मंच से बीजेपी और चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाषा विवाद का मुद्दा उठाते हुए केंद्र पर बंगाली भाषा को 'दूसरे दर्जे' की भाषा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम हिंदी, मराठी, गुजराती सभी भाषाओं को प्यार करते हैं, लेकिन आप बंगाली से इतनी नफरत क्यों करते हैं? अगर ज़रूरत पड़ी, तो बंगाल एक बार फिर भाषा आंदोलन करेगा।”
ममता बनर्जी ने मोदी पर साधा निशाना
बीजेपी और विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा,
“जो लोग सोचते हैं कि ममता, अभिषेक या तृणमूल को गाली देकर बच जाएंगे, वे भ्रम में हैं। ये वही लोग हैं जो कोयले और गाय से पैसे खाते हैं।”
उन्होंने कहा कि तृणमूल की जड़ें ज़मीन से जुड़ी हैं और इसे मिटाना आसान नहीं। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बंगालियों को टारगेट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर बंगालियों को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में बंगालियों को हिरासत शिविरों में डाला जा रहा है। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर नहीं कर देते।”
11 साल में बीजेपी ने क्या किया?
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जिन राज्यों में बीजेपी सत्ता में है, वहाँ महिलाओं के खिलाफ अत्याचार क्यों हो रहे हैं। उन्होंने केंद्र से जवाब माँगा कि
“बीजेपी दावा करती है कि वह बंगाल में सत्ता में आएगी तो विकास होगा, लेकिन पहले यह बताए कि उसने पिछले 11 साल में देश के लिए क्या किया है?” सीएम ममता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेते हुए केंद्र पर विदेशी दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा,
“जब अमेरिका ने अवैध भारतीयों को बेड़ियों में जकड़कर वापस भेजा, तब बीजेपी चुप क्यों थी?”
ममता बनर्जी के बयानों पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शहीद दिवस के नाम पर हर साल तृणमूल कांग्रेस एक राजनीतिक उत्सव का आयोजन करती है।
मजूमदार ने कहा, "कोलकाता की सड़कों पर हर जगह ममता बनर्जी की मुस्कुराती हुई तस्वीरें दिखाई देती हैं। क्या किसी को शहीद दिवस का असली मतलब पता है? जिन लोगों ने आंदोलन में जान गंवाई, उनकी तस्वीरें कहीं नहीं दिखतीं केवल ममता बनर्जी का प्रचार होता है।"
For all the political updates download our Molitics App :
Click here to Download