अमेरिका ने TRF को घोषित किया आतंकी संगठन, भारत की बड़ी राजनयिक सफलता

अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित कर दिया है। भारत इस फैसले को अपनी एक अहम कूटनीतिक सफलता मान रहा है। अमेरिका का यह कदम वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने की भारत की कोशिशों को मज़बूती देता है।अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने इस संबंध में कहा, “लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए मुंबई हमले के बाद, भारत के पहलगाम में नागरिकों पर हुआ हमला सबसे भीषण आतंकवादी हमला है। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।"


अमरीका की TRF पर कार्रवाई के बाद भारत की प्रतिक्रिया 

भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म संगठन है, जो जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल रहा है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है। TRF को आतंकी संगठन घोषित करना वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह फैसला भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को भी रेखांकित करता है।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अमेरिकी सरकार और विदेश मंत्री मार्को रूबियो को धन्यवाद देते हुए कहा, “यह फैसला भारत-अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प को दर्शाता है। TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक प्रतिनिधि संगठन है और उसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत ने कहा कि आतंकबाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति आगे भी जारी रहेगी।”

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का नया नाम बन चुका ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) वर्ष 2019 में उस समय अस्तित्व में आया, जब भारत सरकार ने अनुच्छेद-370 को हटाकर राज्य को विशेष दर्जे से वंचित कर दिया। TRF को सुरक्षा एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन मानती हैं और भारत सरकार भी इसकी पुष्टि कर चुकी है।

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