असम: गोलपाड़ा में अतिक्रमण विरोध पर बवाल, एक की मौत, पुलिसकर्मी घायल

असम के गोलपाड़ा जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। यह घटना 12 जुलाई को पैकन रिजर्व फॉरेस्ट इलाके में हुई, जहां वन विभाग ने 140 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि को खाली कराने के लिए बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया था। 


अभियान के तहत प्रशासन ने लगभग 1,080 परिवारों के घरों पर बुलडोज़र चलाया। हालांकि पहले चरण में यह अभियान शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हुआ, लेकिन जब कई प्रभावित परिवार अस्थायी तिरपाल टेंट लगाकर उसी इलाके में रहने लगे, तो गुरुवार सुबह प्रशासन ने इन्हें हटाने की कोशिश की। इस दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई।

गोलपाड़ा अतिक्रमण के दौरान एक की मौत

पुलिस के अनुसार, हालात बिगड़ने पर बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें गोलीबारी भी शामिल थी। इस फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी, जिनमें से एक व्यक्ति शकवर अली की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। आईजीपी (कानून-व्यवस्था) अखिलेश सिंह ने बताया, “जब फॉरेस्ट और पुलिस की टीम नियमित गश्त पर थी, तभी अचानक स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। इस हिंसा में करीब 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।”

झड़प के बाद क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी है और बेदखली स्थल की घेराबंदी की जा रही है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति वहां प्रवेश न कर सके। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गोलपाड़ा की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "2021 में सरकार बनने के बाद से राज्य में अब तक करीब 50,000 लोगों को 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से बेदखल किया गया है।" उन्होंने बताया कि सिर्फ गोलपाड़ा ही नहीं, राज्य के चार अन्य जिलों में भी अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान वनभूमि की रक्षा और राज्य की भूमि नीति को लागू करने के लिए जरूरी है।

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