Air India हादसा: ब्लैक बॉक्स से निकला डेटा, जानें जांच में अब तक क्या पता चला

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया की दुर्घटनाग्रस्त फ्लाइट AI-171 से संबंधित ब्लैक बॉक्स की जांच को लेकर अहम जानकारी साझा की है। मंत्रालय के मुताबिक, 24 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया, जबकि 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस कर उसका डेटा दिल्ली स्थित एएआईबी (AAIB) लैब में डाउनलोड कर लिया गया। वर्तमान में सीवीआर (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) और एफडीआर (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।


मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इन प्रयासों का उद्देश्य केवल दुर्घटना के कारणों की पहचान करना ही नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा को सुदृढ़ करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकना भी है। भारत, ICAO शिकागो कन्वेंशन 1944 का हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, उसके अनुबंध 13 और विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम 2017 के तहत जांच करता है।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस मामले की जांच के लिए अधिकृत एजेंसी है। 13 जून 2025 को, फ्लाइट AI-171 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद AAIB ने एक बहु-विषयक जांच टीम का गठन किया। इस टीम का नेतृत्व स्वयं AAIB के महानिदेशक कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप, इस टीम ने मौके से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को बरामद किया — CVR को 13 जून को इमारत की छत से और FDR को 16 जून को मलबे से सुरक्षित निकाला गया।

दोनों ब्लैक बॉक्स अहमदाबाद में 24x7 पुलिस निगरानी और CCTV सुरक्षा के बीच रखे गए थे। इसके बाद, 24 जून को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से इन्हें दिल्ली स्थित AAIB लैब लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स दोपहर 2 बजे AAIB महानिदेशक के साथ दिल्ली पहुंचा, जबकि दूसरा ब्लैक बॉक्स शाम 5:15 बजे पहुंचा। दोनों की संरचना की मानक प्रक्रिया के तहत पुनर्प्राप्ति, भंडारण और विश्लेषण का काम किया जा रहा है।

12 जून 2025 को, एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान जो अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन के गैटविक एयरपोर्ट की ओर जा रहा था, टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल परिसर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह हादसे में विमान में सवार 241 लोगों सहित कुल 270 से अधिक लोगों की जान चली गई।

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