
गुजरात में जीत की खुशी के बीच आप को झटका, विधायक मकवाना ने छोड़ी जिम्मेदारियां
गुजरात की विसाबदर विधानसभा सीट पर हालिया उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत के बीच, पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने विधानसभा में मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) और पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं और विधायक पद पर बने रहेंगे।
मकवाना ने अपने इस्तीफे की वजह पार्टी की मूल विचारधारा से हटना बताया। इस संबंध में उन्होंने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भी भेजा है। पत्र में उन्होंने लिखा:
“जय भारत। मैं ढाई वर्षों से AAP का राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और गुजरात विधानसभा में मुख्य सचेतक के तौर पर काम कर रहा हूं। किन्तु सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा पाने में कमी महसूस कर रहा हूं, और साथ ही पार्टी की दिशा को लेकर भी असहमति है। अतः मैं सभी पदों से इस्तीफा देता हूं और अनुरोध करता हूं कि मुझे इन जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए। मैं पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा।”
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमेश मकवाना ने गुजरात की राजनीति में जातिवादी प्रवृत्तियों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने अब तक कोली समाज के किसी भी नेता को न तो मुख्यमंत्री बनाया और न ही प्रदेश अध्यक्ष। कांग्रेस भी सत्ता से बाहर रहते हुए पिछड़े वर्गों की आवाज नहीं बन सकी है। विपक्ष की भूमिका में भी वह असफल रही है।”
मकवाना ने आम आदमी पार्टी पर भी उपचुनावों के दौरान भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विसाबदर में पाटीदार नेता गोपाल इटालिया के समर्थन में पूरी ताकत झोंक दी, जबकि कडी से दलित उम्मीदवार को चुनाव के लिए संघर्ष करना पड़ा और उसे लोन लेकर चुनाव लड़ना पड़ा।
मकवाना ने संकेत दिया कि वह 2027 के विधानसभा चुनावों में क्या रुख अपनाएंगे, यह वह पिछड़े समाज के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद तय करेंगे। नई पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर बाद में निर्णय लेंगे और जनता को जानकारी देंगे।
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