कैबिनेट बैठक में आपातकाल की निंदा, पीएम मोदी और मंत्रियों ने रखा दो मिनट का मौन

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में 1975 में लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र की ‘निर्मम हत्या’ करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की गई है। कैबिनेट ब्रीफिंग में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि प्रस्ताव में न सिर्फ उस दौर में हुए नागरिक अधिकारों के दमन की निंदा की गई है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनः पुष्टि करते हुए संविधान की रक्षा की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई है।


सरकारी बयान के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया कि आपातकाल के पहले और उसके दौरान देशभर में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुचला गया, प्रेस की आज़ादी पर ताला जड़ा गया और नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए। हजारों निर्दोषों को जेलों में डाला गया और उन्हें अमानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी केंद्रीय मंत्रियों ने आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। सभी मंत्री खड़े होकर मौन में शामिल हुए।

प्रस्ताव में उन नागरिकों को ‘लोकतंत्र सेनानी’ की संज्ञा दी गई है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। कैबिनेट ने युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से इन लोकतंत्र सेनानियों के त्याग और साहस से प्रेरणा लेने की अपील की। बयान में कहा गया, “इन वीरों ने तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध कर भारतीय लोकतंत्र की भावना को जीवित रखा और संविधान की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”

इससे पहले,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उस दौर को लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा, "कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूल सकता कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का किस प्रकार उल्लंघन किया गया।" प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार संविधान के सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के दौरान न सिर्फ मौलिक अधिकारों को निलंबित किया गया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता भी कुचल दी गई थी। उस दौर में कई राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेलों में डाल दिया गया था।

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article