
Delhi: भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे AAP नेता, केंद्र सरकार ने जांच को दी मंजूरी
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में जांच की अनुमति दे दी है। यह जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act) के तहत की जाएगी। दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े करीब 1,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है। हालांकि, AAP ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है।
2024 में भाजपा नेता और तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ACB में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स में भारी अनियमितताएं हुईं। इनमें 24 अस्पताल परियोजनाएं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) शामिल थीं, जिन्हें 5,590 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी। लेकिन इन प्रोजेक्ट्स में जानबूझकर देरी कर लागत कई गुना बढ़ा दी गई।
गुप्ता का आरोप है कि इस घोटाले में सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की सीधी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि कई ICU अस्पतालों के निर्माण में भी इसी तरह की गड़बड़ियां हुईं। उदाहरण के तौर पर, LNJP अस्पताल के एक ब्लॉक के लिए स्वीकृत ₹465 करोड़ की लागत चार साल में बढ़कर ₹1,125 करोड़ हो गई, जबकि कार्य का आधा हिस्सा ही पूरा हुआ।
शिकायत मिलने के बाद ACB ने शुरुआती जांच में संकेत दिया कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा। ACB ने अपनी रिपोर्ट सतर्कता विभाग को सौंप दी, जिसके बाद उपराज्यपाल की सिफारिश पर 6 मई 2025 को गृह मंत्रालय ने जांच की अनुमति दी। AAP ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “परियोजना में देरी को भ्रष्टाचार करार देना भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण है।” पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शिकायत में जिन परियोजनाओं का जिक्र है, वे उनके मंत्री रहते हुए स्वीकृत भी नहीं हुई थीं।
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