
आतंक के पीछे पाकिस्तान का हाथ, प्रियंका चतुर्वेदी ने यूरोप में उठाई आवाज़
ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए संसद के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया था। इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिवसेना (उद्धव गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोरदार प्रहार किया है। यूरोपीय देशों के दौरे पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "हमने वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत दशकों से आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, और इस लड़ाई को लड़ने में हम पूरी तरह सक्षम हैं। हम न किसी से मदद मांगते हैं, न कोई कर्ज। भारत आत्मनिर्भर है और आतंक के विरुद्ध दृढ़प्रतिज्ञ भी।"
प्रियंका ने कहा कि यूरोप के कई देशों में कट्टरवाद और आतंकवाद के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता है, और वहां के सुरक्षा एजेंसियों को भी यह मालूम है कि इन घटनाओं की जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं। उन्होंने चेताया कि आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंक के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति जरूरी है।
चतुर्वेदी ने पाकिस्तान के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र (UN) पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि एक ऐसा देश, जहां 52 से अधिक आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं, उसे UN सुरक्षा परिषद में काउंटर टेररिज्म समिति का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “ये तो वैसा ही है जैसे मसूद अजहर को शांति का प्रोफेसर बना देना, या फिर हाफिज सईद और मसूद अजहर को नोबेल शांति पुरस्कार देना।”
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजा था ताकि विश्व समुदाय को भारत के रुख और आतंकवाद की वास्तविकता से अवगत कराया जा सके। प्रियंका चतुर्वेदी को यूरोप की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, जहाँ उन्होंने भारत की स्थिति दृढ़ता से रखी।
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