नेपाल में पतंजलि जमीन विवाद: पूर्व PM माधव नेपाल पर केस, रामदेव-बालकृष्ण चार्जशीट से बाहर

नेपाल में पतंजलि योगपीठ-नेपाल से जुड़ी जमीन खरीद में अनियमितता के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। भ्रष्टाचार विरोधी संस्था CIAA  ने इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल समेत 94 लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। माधव, जो इस समय CPN-यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष हैं, पर कावरे जिले में योग सेंटर और हर्बल खेती के लिए खरीदी गई जमीन के लेनदेन में पतंजलि योगपीठ को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है।   


माधव नेपाल ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। यह प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की साजिश है, जो मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहते हैं।” पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए तैयार हैं। 

CIAA की चार्जशीट के अनुसार, जब माधव नेपाल प्रधानमंत्री थे (मई 2009 से फरवरी 2011), तब उनकी अध्यक्षता में कैबिनेट ने लैंड सीलिंग लॉ हटाने का फैसला किया था। इसके बाद पतंजलि को बड़ी मात्रा में जमीन खरीदने की अनुमति दी गई। दो महीने बाद एक और निर्णय लेकर पतंजलि को कॉमर्शियल उद्देश्य से जमीन उपयोग करने की भी छूट दी गई। CIAA का आरोप है कि इन फैसलों से सरकारी खजाने को 186 मिलियन नेपाली रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी वसूली के लिए माधव नेपाल को भुगतान का नोटिस जारी किया गया है।

चार्जशीट में पतंजलि समूह के प्रमुख बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का नाम नहीं है। हालांकि, पतंजलि नेपाल के निदेशक शालिग्राम सिंह, पूर्व कानून मंत्री प्रेम बहादुर सिंह, पूर्व मुख्य सचिव माधव प्रसाद घिमिरे और कई अन्य नौकरशाहों को आरोपी बनाया गया है।

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